




हटिया मजदूर यूनियन (सीटू) का प्रबंधन को अल्टीमेटम,
पूर्व समझौते का पालन कर लंबित मांगें पूरी करे
डीजे न्यूज, रांची : हटिया मजदूर यूनियन (सीटू) की एक महत्वपूर्ण बैठक यूनियन कार्यालय में सम्पन्न हुई, जिसमें मजदूरों के लंबित मुद्दों और प्रबंधन के रवैये पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई। यूनियन ने कहा कि 15 अक्टूबर 2025 को पारित प्रस्ताव के अनुसार प्रबंधन को एक माह के भीतर सभी बिंदुओं पर बैठक बुलाकर निर्णय लेना था, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं की गई है।
यूनियन के अध्यक्ष भवन सिंह ने कहा कि प्रबंधन द्वारा पहले से प्राप्त सुविधाओं और अनुमन्य मांगों में मनमानी कटौती की जा रही है, जो पूरी तरह गैरकानूनी और मजदूर विरोधी है। यूनियन ने चेतावनी दी कि यदि जल्द बैठक बुलाकर समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो मजदूर आंदोलनात्मक कदम उठाने को मजबूर होंगे।
स्थायी मजदूरों की प्रमुख मांगें
1. वीपीएफ (VPF) मद में काटी गई राशि वापस की जाए और पुनः कटौती की व्यवस्था शुरू की जाए।
2. बेचे गए अर्जित अवकाश की राशि का भुगतान किया जाए या सर्विस बुक में अवकाश पुनर्स्थापित किया जाए।
3. सभी मजदूरों के पे-स्लिप को अपडेट कर उपलब्ध कराया जाए।
4. 18 बैच का प्रमोशन शीघ्र जारी किया जाए।
सप्लाई मजदूरों की प्रमुख मांगें
1. 10 वर्ष से अधिक सेवा देने वाले सप्लाई मजदूरों का नियमितीकरण किया जाए या समान काम का समान वेतन दिया जाए।
2. 2011 के ग्रेड प्रमोशन समझौते को लागू करते हुए ग्रेड परिवर्तन किया जाए।
3. 26 दिन के बजाय 30 दिनों का पूरा वेतन दिया जाए।
4. 2022 से 2024 तक अर्जित अवकाश जोड़कर दिया जाए, साथ ही उसे बेचने या जमा रखने की अनुमति दी जाए।
5. परिवर्तनशील महंगाई भत्ता (VDA) का अक्टूबर 2023 से अब तक का बकाया भुगतान किया जाए।
6. सभी मजदूरों को बकाया बोनस का तुरंत भुगतान किया जाए।
7. सितम्बर 2023 से जनवरी 2024 तथा नवंबर 2024 से वर्तमान तक की पे-स्लिप उपलब्ध कराई जाए।
मजदूरों से अपील
यूनियन ने सभी मजदूरों से अपील की है कि वे हटिया मजदूर यूनियन (सीटू) के साथ एकजुट होकर संघर्ष को मजबूत करें। यूनियन ने कहा कि कुछ गैर-निबंधित समूह मजदूरों में भ्रम फैला रहे हैं, जबकि वे श्रम विभाग में कानूनी रूप से कोई मांग प्रस्तुत नहीं कर सकते।
भवन सिंह ने कहा कि “सीटू मजदूरों के अधिकारों की रक्षा और बहाली के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। जल्द ही संघर्ष कार्यक्रम की रूपरेखा जारी की जाएगी।”
