ज्ञान की खोज से विज्ञान, फिर इंजीनियरिंग और अंत में टेक्नोलॉजी के रास्ते देश की होती है तरक्की: प्रो. सुकुमार मिश्रा,  आईआईटी (आईएसएम) में मना राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस, धनबाद के आठ स्कूलों के बच्चों ने लिया भाग 

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ज्ञान की खोज से विज्ञान, फिर इंजीनियरिंग और अंत में टेक्नोलॉजी के रास्ते देश की होती है तरक्की: प्रो. सुकुमार मिश्रा,

आईआईटी (आईएसएम) में मना राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस, धनबाद के आठ स्कूलों के बच्चों ने लिया भाग

डीजे न्यूज, धनबाद:

23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग के ऐतिहासिक पल की याद में भारत सरकार ने 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में घोषित किया है। इसके तहत देशभर में दूसरे राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार को आईआईटी (आईएसएम), धनबाद में इसरो के रीजनल रिमोट सेंसिंग सेंटर–ईस्ट (आरआरएससी-ईस्ट), कोलकाता के साथ मिलकर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में धनबाद के आठ स्कूलों से 350 से ज्यादा छात्रों ने भाग लिया। इसका मकसद छात्रों में स्पेस और विज्ञान के प्रति रुचि जगाना और उन्हें इसके करियर विकल्पों से परिचित कराना था।

कार्यक्रम में आईआईटी (आईएसएम) के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञान की खोज से शुरुआत करके विज्ञान, फिर इंजीनियरिंग और अंत में टेक्नोलॉजी के रास्ते देश की तरक्की होती है। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे सवाल पूछने और नई चीजें सीखने की आदत डालें, जिससे वे भविष्य में देश के विकास में योगदान दे सकें।

कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. एओ वर्गीज, साइंटिस्ट इंजीनियर-जी और डिप्टी जनरल मैनेजर, आरआरएससी-ईस्ट, ने कहा कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने का मकसद यही है कि स्कूल के छात्रों में जिज्ञासा बढ़े और वे भविष्य में स्पेस सेक्टर में करियर बनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि इसरो का काम सिर्फ अंतरिक्ष की खोज तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज से जुड़ी ज़रूरतों जैसे खाद्य सुरक्षा और आपदा प्रबंधन से भी जुड़ा हुआ है।

आईआईटी (आईएसएम) की ओर से कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर रहे प्रो. संजीत कुमार पाल, एप्लाइड जियोफिज़िक्स विभाग, ने स्वागत भाषण में रिमोट सेंसिंग से जुड़ी जानकारियां दीं। वहीं, डॉ. निप्तिका जाना, असिस्टेंट प्रोफेसर, एप्लाइड जियोफिज़िक्स विभाग, ने उद्घाटन सत्र के अंत में धन्यवाद ज्ञापन दिया।

इसके बाद डॉ. अरिंदम गुहा, ग्रुप हेड, आरआरएससी-ईस्ट, ने “पृथ्वी जैसे ग्रहों के लिए इसरो के मिशन” विषय पर एक प्रेजेंटेशन दिया। राजेन्द्रसिंह पी. ब्याली, डिप्टी डायरेक्टर, ह्यूमन स्पेस फ्लाइट सेंटर, इसरो, ने भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी साझा की।

कार्यक्रम के दौरान क्विज कॉम्पिटिशन, वीडियो प्रजेंटेशन और स्पेस एग्ज़िबिशन जैसे एक्टिविटीज आयोजित की गईं। इसरो के वैज्ञानिकों ने छात्रों के सवालों के जवाब दिए और उन्हें इसरो के विभिन्न मिशनों के बारे में बताया।

कार्यक्रम में भाग लेने वाले स्कूलों में जिला सी.एम. स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (जिला स्कूल), केंद्रीय विद्यालय संख्या 2, कार्मेल स्कूल, धनबाद पब्लिक स्कूल, डिनोबिली स्कूल (सीएमआरआई), किड्स गार्डन सीनियर सेकेंडरी स्कूल (झरिया), डीएवी पब्लिक स्कूल (अलकुसा) और स्वामी विवेकानंद स्कूल शामिल थे।

छात्रों से जुड़े कार्यक्रमों का संचालन डॉ. तनमय कुमार और नैरित दास, आरआरएससी-ईस्ट, द्वारा किया गया, जिसमें आईआईटी (आईएसएम) के छात्रों ने भी मदद की। अंत में क्विज प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार दिए गए और डॉ. अरिंदम गुहा और आईआईटी (आईएसएम) के प्रतिनिधियों ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन किया।

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