
गुजरात में गिरिडीह के प्रवासी मजदूर की मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
रोज़ी-रोटी की तलाश में परदेस गया था सरिया का ताहीर अंसारी
डीजे न्यूज, गिरिडीह : झारखंड के प्रवासी मजदूरों के साथ बाहर के राज्यों में हो रही घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। कभी अपहरण, कभी दुर्घटना, तो कभी जानलेवा हमलों में झारखंड के मजदूरों की जान जा रही है। ताजा मामला गिरिडीह जिले के सरिया थाना क्षेत्र के कपलों पंचायत अंतर्गत चिरवां गांव से जुड़ा है, जहां के 35 वर्षीय ताहीर अंसारी की सोमवार को गुजरात में मौत हो गई।
ताहीर अंसारी गुजरात में टावर लाइन में काम करते थे। वे अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे। उनकी मौत की खबर मिलते ही गांव में मातम पसर गया और परिजन सदमे में हैं। ताहीर अपने पीछे चार छोटे बच्चों—13 वर्षीय साहिल अंसारी, 10 वर्षीय शोएब राजा, 7 वर्षीय चांद अंसारी और 5 वर्षीय पुत्री समीरा खातून—को छोड़ गए हैं।
प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
समाजसेवी सिकंदर अली ने ताहीर की मौत पर गहरा शोक जताया और कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है। झारखंड के गिरिडीह, हजारीबाग, धनबाद और बोकारो जिलों से हर साल हजारों मजदूर रोज़गार के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में जाते हैं, लेकिन वहां उनके साथ हो रही घटनाएं चिंता का विषय हैं।
लगातार प्रवासी मजदूरों की हो रही मौत, अपहरण या फंसने की घटनाएं इस ओर इशारा कर रही हैं कि सरकार को अब प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा और पलायन की रोकथाम के लिए ठोस और संवेदनशील नीति बनानी चाहिए।
गौरतलब है कि अब भी कई झारखंडी मजदूर ऐसे हैं जो अन्य राज्यों में मुश्किल हालातों में काम कर रहे हैं। ताहीर अंसारी की मौत ने एक बार फिर प्रवासी श्रमिकों की स्थिति को लेकर सरकार और प्रशासन को आईना दिखाया है।