



गरीबी उन्मूलन में केरल ने रचा इतिहास, माकपा ने बताया पूरे देश के लिए मिसाल
डीजे न्यूज, रांची :
केरल की वाम-जनवादी मोर्चा की सरकार ने केरल से अत्यधिक गरीबी समाप्त कर देश में ही नहीं पूरे दक्षिण एशिया में एक इतिहास रचने का काम किया है.केरल माॅडल ने पूरे देश को रास्ता दिखाया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र की मोदी सरकार ने योजना आयोग को खत्म कर नीति आयोग का गठन किया। उसी नीति आयोग की वर्ष 2021 की रिपोर्ट के अनुसार केरल में 0.7 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे थे। 2021 में सत्ता में आयी, सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार ने अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में इसे चैलेंज के रुप में लेते हुए यह निर्णय लिया था कि केरल को, अत्यंत गरीबी से मुक्त कराया जाएगा. जिसे तय अवधि में पूरा किया गया। इस सिलसिले में एक वैज्ञानिक व सर्वसमावेशी सर्वे कर राज्य के कुल 64 हजार 006 अति गरीब परिवारों को चिन्हित किया गया. मोटे तौर पर ऐसे परिवारों को अत्यंत गरीब माना गया जिनके लिए भोजन,, स्वास्थ्य, आजीविका और आवास के पहलुओं से, गुजारा करना मुश्किल हो रहा था. इसके लिए एक माइक्रो – प्लान बनाया गया और सरकारी तंत्र सहित वालंटियर और आम जनता को गोलबंद कर सामाजिक आडिट के जरिए इस लक्ष्य को हासिल किया गया। आज केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम में समाज के विभिन्न हिस्सों की विशाल उपस्थिति में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इसकी घोषणा की। केरल के वाम-जनवादी मोर्चा सरकार की यह उपलब्धि देश के अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय है क्योंकि आज केरल शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार पंचायत प्रणाली, सहकारिता, मनरेगा में कार्य दिवस का सृजन, पर्यटन समेत जनता को सुशासन देने मे सबसे अव्वल राज्य की श्रेणी में लगातार आगे बढ रहा है।
केरल की जनता और वहां की वाम-जनवादी मोर्चा सरकार को बधाई।
