गरीब व होनहार छात्रों के हक में नहीं है झारखंड कोचिंग विधेयक

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गरीब व होनहार छात्रों के हक में नहीं है झारखंड कोचिंग विधेयक

एसोसिएशन का दावा-विधेयक से 90 प्रतिशत से ज्यादा कोचिंग क्लास बंद हो जाऐंगे, छात्र होंगे पलायन को मजबूर

मुख्यमंत्री विजनरी हैं, फैसला एक पक्षीय नहीं न्याय संगत करेंगे : संजय आनंद
डीजे न्यूज, धनबाद : झारखंड विधानसभा ने जो झारखंड कोचिंग विधेयक पारित किया है, उसका धनबाद कोचिंग एसोसिएशन ने विरोध किया है। एसोसिएशन का कहना है कि इस विधेयक से झारखंड के छात्र पलायन को मजबूर होंगे।
कोचिंग संस्थानों के लिए पारित विधेयक में बहुत तरह के नियम कानून लगाये गए, जो यहां के गरीब व होनहार छात्रों के भविष्य के हक में उचित नहीं है। खासकर दंडस्वरूप पांच लाख से 10 लाख एवं सेक्यूरिटी मनी पांच लाख के साथ निर्णायक मंडली में कोचिंग संगठन के किसी भी सदस्य का भागीदारी न होना आपत्तिजनक है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने गुरुवार को यहां बैठक कर यह बातें कहीं।
बैठक को संबोधित करते हुए धनबाद कोचिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज सिंह ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधि को शिक्षा जैसी संवेदनशील मुद्दे पर फिर से एक बार सोच-समझकर विचार करना चाहिए। कारण, झारखंड में शिक्षा में हम पिछड़े हैं। ऐसे में 90 प्रतिशत से ज्यादा कोचिंग क्लास बंद हो जाऐंगे, पढ़े-लिखे हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे तब जबकि कोचिंग संस्थान जो जॉब क्रियेटर है और सरकार को हम टैक्स भी देते हैं। सचिव विकास तिवारी ने कहा कि राज्य का राजस्व तो दूसरे राज्यों में जाएगा ही, क्योंकि यहां के छात्र-छात्राएं प्रतियोगी तैयारी के लिए अन्यत्र जाने को मजबूर होंगे। ग्रामीण परिवेश के छात्रों के साथ ही राज्य के गरीब टैलेंटेड छात्रों का भविष्य कहीं न कहीं अंधेरे में गुम हो जाएगा। विनम्र आग्रह है कि सरकार कोचिंग संस्थानों को अलग नजरिये से न देखे, हमें भी राज्य के शिक्षा का अभिन्न अंग माने जो विधेयक लायी गई है वो रोजी रोजगार के साथ ही कहीं न कहीं शिक्षा व्यवस्था को गलत तरिके से प्रभावित करेगी, क्योकि पूरे देश में जैसे निकटवर्ती राज्य बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली में भी ऐसे नियम नहीं हैं। बहुत सारे कोचिंग संस्थानों के शिक्षकगण के साथ गोल धनबाद के केंद्र निदेशक संजय आनंद ने बताया कि कोचिंग विधेयक होना चाहिए, हम इस फैसलें के विरूद्ध नहीं हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री एवं जनप्रतिनिधि विजनरी हैं। हमें ऐसा विश्वास है कि फैसला एक पक्षीय न होकर न्याय संगत करेंगे।

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