गिरिडीह में बाल विवाह से मुक्त हुई दो नाबालिग को प्रशासन ने बॉन्ड भराकर अभिभावकों को सौंपा

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गिरिडीह में बाल विवाह से मुक्त हुई दो नाबालिग को प्रशासन ने बॉन्ड भराकर अभिभावकों को सौंपा

डीजे न्यूज, गिरिडीह :  बाल विवाह मुक्त भारत अभियान और चाइल्ड लाइन गिरिडीह की सतर्कता से पचम्बा थाना क्षेत्र में दो नाबालिग बच्चों का विवाह रोका गया। सूचना मिलते ही शनिवार को टीम ने तत्काल कार्रवाई कर दोनों बच्चों को रेस्क्यू किया और बाल गृह में सुरक्षित रखा।

==सीडब्लूसी में पेशी, अभिभावकों ने दिया लिखित वचन: बाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड लाइन और बनवासी विकास आश्रम जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन के सहयोग से दोनों बच्चों को बाल कल्याण समिति  गिरिडीह में प्रस्तुत किया गया। इस दौरान लड़का और लड़की के अभिभावकों ने वचन पत्र (अंडरटेकिंग) दिया कि जब तक दोनों बालिग नहीं हो जाते, तब तक उनका विवाह नहीं कराया जाएगा।

==कानूनी चेतावनी, वचन पत्र का सत्यापन: अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि अगर अभिभावकों ने अपने वचन का उल्लंघन किया, तो बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस अंडरटेकिंग को स्थानीय जिला परिषद सदस्य अनवर अंसारी, मुखिया मुमताज अंसारी, पूर्व पंचायत समिति सदस्य देवराज दास और पंचायत सेवक-सह-बाल विवाह निषेध पदाधिकारी स्नेहा कुमारी ने सत्यापित किया।

== परामर्श के बाद बच्चों को सौंपा गया परिजनों को:

सीडब्लूसी के निर्देश पर बच्चों को उचित परामर्श और चेतावनी के बाद उनके परिवार को सौंप दिया गया। इस कार्रवाई ने जिले में बाल विवाह रोकथाम की दिशा में एक मजबूत संदेश दिया।

==अभियान में इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका: बाल विवाह रोकने में बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा पूजा सिन्हा, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी जीतू कुमार, बनवासी विकास आश्रम जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन के सामुदायिक सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश कुमार और चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट सुरेश शक्ति की भूमिका सराहनीय रही।

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