
गिरिडीह कोलियरी के ओपन‑कास्ट माइंस को पर्यावरणीय मंजूरी, जल्द शुरू होगा उत्पादन
मंत्री सुदिव्य सोनू और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन की सक्रियता से संभव हो पाई पर्यावरणीय अनुमति
डीजे न्यूज, गिरिडीह : बंद पड़े लगभग ढाई साल से गैर-कार्यशील सीसीएल की ओपन‑कास्ट माइंस को झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 24 जून को “कंसेंट टू एस्टैब्लिश” (CTE) की मंजूरी प्रदान कर दी गई। इस अनुमति की घोषणा बोर्ड के मेंबर-सेक्रेटरी राजीव लोचन बक्शी ने की है। अब अगला कदम “कंसेंट टू ऑपरेट” (CTO) के लिए आवेदन करना है, जिसकी संभावना जुलाई में अनुमोदन मिलने की है। अनुमोदन होते ही कोयला उत्पादन फिर से शुरू होगा।
यह ओपेन‑कास्ट माइंस जनवरी 2023 से तकनीकी कारणों से बंद थे। तब से कोयला उत्पादन ठप पड़ा था। स्थानीय विधायक व मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू तथा गांडेय विधायक कल्पना सोरेन की सक्रियता से उच्चस्तरीय जिला बैठक आयोजित हुई, और इसके परिणामस्वरूप पर्यावरणीय अनुमति संभव हो पाई ।
परियोजना पदाधिकारी जीएस मीना ने बताया कि इस ऑपरेशन को आउटसोर्सिंग मोड में संचालित करने का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा जा चुका है। CTO मिलने के साथ ही उत्पादन की राह सहज हो जाएगी ।
व्यापक प्रभाव – क्या बदल रहा है?
यह ओपेन‑कास्ट माइंस अब प्रति वर्ष लगभग 0.6–0.7 मिलियन टन कोयला उत्पादन के लिए पात्र रहेगा ।
पिछले बंदी से लगभग 2,500 असंगठित मजदूरों की दैनिक आय प्रभावित हुई थी; अब अनुमति मिलने से रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की उम्मीद है ।
CTO मिलने के बाद उत्पादन से स्थानीय विकास को नई गति और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में सुधार आएगा ।
संक्षेप में
24 जून 2025 को CTE (पर्यावरणीय स्वीकृति) मिली
जुलाई 2025 में CTO (ऑपरेशन की स्वीकृति) की उम्मीद
CTO मिलते ही कोयला उत्पादन शुरू
यह विकास गिरिडीह और आसपास के ग्रामीण इलाकों में सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।