



गैस रिसाव व भू-धंसान के खिलाफ झामुमो का हल्ला बोल, खान मंत्री का फूंका पुतला

डीजे न्यूज, धनबाद: बीसीसीएल के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार हो रहे गैस रिसाव और भू-धंसान की घटनाओं के विरोध में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मंगलवार को जोरदार आंदोलन किया। बीसीसीएल प्रबंधन की जनविरोधी रवैया के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने रणधीर वर्मा चौक पर धरना दिया। नेतृत्व झामुमो की केंद्रीय सदस्य सह मीडिया पैनलिस्ट डॉ. नीलम मिश्रा कर रही थी। इस दौरान आंदोलनकारियों ने खान मंत्री का पुतला दहन किया और बीसीसीएल, डीजीएमएस, केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
जनता की जान से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं: डॉ. नीलम मिश्रा
धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए डॉ. नीलम मिश्रा ने कहा कि गैस रिसाव और भू-धंसान की घटनाएं बीसीसीएल और डीजीएमएस की लापरवाही परिणाम हैं, जिसकी सजा स्थानीय लोग भुगत रहे हैं। केंदुआडीह समेत अन्य क्षेत्र इसकी जीती-जागती मिसाल हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीसीसीएल केवल कोयले पर नजर रखे हुए है और लोगों को जबरन विस्थापित कर बेलगड़िया जैसे स्थानों पर भेजा जा रहा है, जहां न रोजगार है और न ही बुनियादी सुविधाएं।
केंद्र सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप
डॉ. मिश्रा ने कहा कि बीसीसीएल और डीजीएमएस पूरी तरह से निरंकुश हो चुकी हैं और केंद्र की एनडीए सरकार के इशारे पर जनता की आवाज दबाने का प्रयास कर रही हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जनता के हक और अधिकार को कुचलने की कोशिश जारी रही तो झामुमो और भी उग्र आंदोलन करेगा।

सड़क से सदन तक करेंगे आंदोलन: सूरज महतो
युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष सूरज महतो ने कहा कि धनबाद की जनता की जान और जमीन की रक्षा के लिए झामुमो सड़क से सदन तक संघर्ष करेगा। उन्होंने कहा कि बीसीसीएल की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ युवा मोर्चा हमेशा आगे रहेगा। धनबाद की सैकड़ों एकड़ जमीन को बीसीसीएल ने पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। यहां की जनता का लगातार शोषण और दोहन किया जा रहा है। यह सब डीजीएमएस की मिलीभगत से हो रहा है और इलाके में अंधा कानून चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अब भी अगर बीसीसीएल और डीजीएमएस नहीं चेते तो आने वाले दिनों में इससे भी उग्र आंदोलन किया जाएगा।
उन्होंने बीसीसीएल के सीएसआर फंड पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि कागजों में करोड़ों रुपये के सीएसआर खर्च दिखाए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि कहीं भी विकास नजर नहीं आता। न विस्थापितों के लिए बेहतर सुविधा है और न ही प्रभावित इलाकों में बुनियादी ढांचा।

आंदोलन में झामुमो के केंद्रीय सदस्य, जिला एवं महानगर कमेटी, विभिन्न मोर्चों के पदाधिकारी, वरीय नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल रहे।
