
फसल बीमा के लिए प्रज्ञा केंद्र में दस्तावेजों के साथ करें आवेदन
टुंडी में बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर कृषक मित्रों और सीएससी संचालकों को दिया प्रशिक्षण
डीजे न्यूज, टुंडी(धनबाद) : टुंडी प्रखंड कार्यालय सभागार में बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ मौसम के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य अधिसूचित अगहनी धान एवं भदई मकई फसलों का बीमा अच्छादन प्रारंभ करने को लेकर कृषक मित्रों, पैक्स प्रतिनिधियों और सीएससी संचालकों को आवश्यक दिशा-निर्देश और प्रशिक्षण प्रदान करना था।
जिला सहकारिता पदाधिकारी के निर्देश पर आयोजित इस कार्यशाला में बताया गया कि झारखंड सरकार बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के माध्यम से किसानों की फसलों का बीमा करवा रही है। इसमें किसानों द्वारा भरे जाने वाले बीमा प्रीमियम का अधिकांश हिस्सा राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा तथा शेष भाग राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा समान रूप से साझा किया जाएगा।
किसान कैसे उठाएं लाभ
किसान अपने नजदीकी प्रज्ञा केंद्र (CSC) पर जाकर निम्न दस्तावेजों के साथ बीमा के लिए आवेदन कर सकते हैं:
🔹 आधार कार्ड
🔹 बैंक पासबुक
🔹 भूमि एवं फसल बुआई से संबंधित कागजात
🔹 त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों से सत्यापित वंशावली
बीमा दावा किन परिस्थितियों में
कार्यशाला में बताया गया कि कम वर्षा या प्रतिकूल मौसम में फसल बुवाई विफल होने की स्थिति में तथा फसल कटाई के बाद अगले 14 दिनों तक खेत में सूखने हेतु रखी फसल को चक्रवात, बेमौसम या चक्रवाती वर्षा से नुकसान होने पर भी दावा किया जा सकता है।
बजाज आलियांज प्रतिनिधियों की हिदायत
बीमा करते समय किसानों की भूमि का मापन हेक्टेयर में करने की सलाह दी गई। साथ ही बीमा पंजीकरण के दौरान किसानों से 1 रुपये का भुगतान सीएससी संचालकों को करना अनिवार्य बताया गया।
उपस्थित पदाधिकारी व प्रतिभागी
कार्यशाला में कई विभागीय व बीमा कंपनी के प्रतिनिधि उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से:
प्रभारी कृषि पदाधिकारी बबलेश शाह
प्रभारी पनन पदाधिकारी ओमप्रकाश दास
प्रभारी कल्याण पदाधिकारी सुभाष कुमार सौरभ
शहजाद अंसारी
सभी जनसेवक, कृषक मित्र, पैक्स प्रतिनिधि, पंचायत स्तरीय सीएससी संचालक और बजाज आलियांज इंश्योरेंस कंपनी के प्रतिनिधि शामिल थे।
कार्यशाला के माध्यम से न सिर्फ किसानों को बीमा प्रक्रिया की जानकारी दी गई, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया गया कि वे प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से आर्थिक सुरक्षा प्राप्त कर सकें। आने वाले समय में इस योजना के प्रचार-प्रसार को और तेज करते हुए ज्यादा से ज्यादा किसानों को इससे जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।