फाइलेरिया बीमारी की पहचान के लिए नौ दिनी शिविर का समापन, 630 लोगों का लिया गया खून का नमूना 

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फाइलेरिया बीमारी की पहचान के लिए नौ दिनी शिविर का समापन,

630 लोगों का लिया गया खून का नमूना

डीजे न्यूज, तिसरा(धनबाद):फाइलेरिया रोगियों को चिन्हित करने के लिए नाइट ब्लड सर्वे का कार्य विगत 30 अक्टूबर से झरिया के विभिन्न क्षेत्र में किया जा रहा था। कार्यक्रम का समापन सोमवार को भौंरा परसियावाद में हुआ।
नौ दिनों में विभाग के द्वारा 630 लोगों के ब्लड सैंपल  एकत्रित किया गया है। समापन के दिन दिल्ली से टेक्निकल एक्सपर्ट डॉक्टर इन्द्रनाथ बनर्जी और जिला बीवीडी कंसलटेंट रमेश सिंह आए थे‌।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया कि संग्रहित रक्त के नमूने को जांच के लिए उच्चस्तरीय  लैब में भेजा भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट लगभग 15 दिनों के बाद आने की संभावना है। इस जांच में जिन जिन व्यक्तियों के खून में फाइलेरिया के माइक्रो बैक्टीरिया पाया जाएगा उनको विभाग के द्वारा निःशुल्क दवाएं दी जाएगी। ताकि व्यक्ति पूरी तरह से फाइलेरिया जैसे भयावह बीमारी से मुक्त हो जाए।  ज्ञात हो कि फाइलेरिया बहुत ही खतरनाक बीमारी है जिससे लोगों की मौत तो नहीं होती है लेकिन जिस व्यक्ति को यह बीमारी हो जाती है उसकी जिंदगी मौत से भी बदतर हो जाती है।
यह बीमारी मच्छर के काटने से होती है। यह मच्छर सभी के घरों में मौजूद है । इस बीमारी का लक्षण 10 से 15 सालों बाद ही दिखता है और जब इसका लक्षण दिख जाता है तब इसका इलाज असंभव हो जाता है।

बचाव

जन्म के बाद बहुत सी बीमारियों से बचाने हेतु बच्चों को टीका लगवाया जाता है ताकि बीमारी ना हो। उसी तरह से इस बीमारी से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्रत्येक साल फरवरी माह में  “मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ” कार्यक्रम के तहत 2 वर्ष से ऊपर सभी लोगों को दवा खिलाई जाती है  ताकि किसी को यह खतरनाक बीमारी ना हो।
टीम में डॉक्टर दिलीप कुमार, बरूण बाउरी, संजय यादव, मनोर आलम, रुक्मिणी देवी, बबलू रविदास, सत्यवान महतो, सहिया रेखा देवी, सरिता देवी आदि मौजूद थे।

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