

एकलव्य विद्यालय के बच्चों को इंडियन आर्मी के जवान ने सिखाए सेल्फ डिफेंस के गुर
बारहवीं के बाद युवा डिफेंस सेवाओं में शामिल होने के लिए कई तरह के रास्तों पर कर सकते विचार
डीजे न्यूज, टुंडी(धनबाद) : पिछले कुछ वर्षों में, देश में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए टुंडी प्रखंड के एकलव्य आवासीय विद्यालय नावाटांड़ में इंडियन आर्मी के जवान मुजक्किर खान ने विद्यालय के बच्चों के लिए सेल्फ डिफेंस का एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए मुजक्किर खान ने ने बताया कि समाज में बढ़ती आपराधिक घटनाओं से बचने के लिए सेल्फ डिफेंस की कला सीखना एक आवश्यक कौशल बन गया है। सेल्फ डिफेंस की कला सीखने से न केवल शारीरिक सुरक्षा में सुधार होता है, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत बनने में मदद मिलती है। कुछ सरल और प्रभावी तकनीकों के माध्यम से हम अपनी सुरक्षा कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि भारत में डिफेंस सेक्टर एक सम्मानजनक और चुनौतीपूर्ण करियर विकल्प माना जाता है। खासकर 12वीं के बाद, युवा डिफेंस सेवाओं में शामिल होने के लिए कई तरह के रास्तों पर विचार कर सकते हैं। डिफेंस सेक्टर में करियर बनाने के लिए कुछ प्रमुख परीक्षा और प्रवेश प्रक्रियाओं का पालन करना पड़ता है। इनमें एनडीए (नेशनल डिफेंस एकेडमी), सीडीएस(कॉम्बाइंड डिफेंस सर्विसेज), एफसीएटी (एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट) इत्यादि प्रमुख है। डिफेंस में करियर बनाने के लिए हमारे लिए शारीरिक, मानसिक और शैक्षिक योग्यताएँ अनिवार्य रूप से विकसित होनी चाहिए।
कार्यक्रम के अंत में खान सर ने बच्चों को बतलाया कि भविष्य में उनके लिए डिफेंस में करियर बनाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन इसके लिए शारीरिक, मानसिक और शैक्षिक योग्यताएँ पूरी करनी होती हैं। उनको डिफेंस को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। डीआरडीओ इंटर्नशिप एक अच्छा अवसर हो सकता है, जो युवाओं को डिफेंस सेक्टर में अनुभव प्राप्त करने का मौका देता है। इसके अलावा, NDA, CDS और AFCAT जैसी प्रमुख परीक्षाओं के माध्यम से भी डिफेंस में करियर बनाया जा सकता है।
कार्यक्रम में शामिल बच्चों ने बताया कि उन्होंने सेल्फ डिफेंस की विभिन्न तकनीकें सीखीं, जैसे कि हमलावर से बचाव, आत्म-रक्षा के लिए चिल्लाना, और शारीरिक तकनीकों का उपयोग करना। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों को आत्म-रक्षा के लिए प्रेरित करना और उन्हें सुरक्षित महसूस कराना है। विद्यालय परिवार को यह उम्मीद है कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से हम अपने समाज को सुरक्षित और सशक्त बना सकते हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय की प्राचार्या फिरदौस अख्तर, शिक्षक विनीता कुमारी, कविता महतो, देवेन साव, सूर्यकांत मंडल और गौतम सिन्हा की सराहनीय भूमिका रही।
