
दिव्यांग बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना ही समावेशी शिक्षा का उद्देश्य : मुकुल राज
दिव्यांग बच्चों के लिए समावेशी शिक्षा पर कार्यशाला, सरकारी योजनाओं की दी गई जानकारी
डीजे न्यूज, गिरिडीह : सर जे.सी. बोस उच्च विद्यालय में दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ने और सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गई। जिला शिक्षा अधीक्षक मुकुल राज ने दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस मौके पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (BEEO), बीआरपी, सीआरपी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
दिव्यांग बच्चों को जागरूक करने पर जोर
कार्यशाला में दिव्यांगता के 21 प्रकारों की विस्तृत जानकारी दी गई और सरकारी योजनाओं के तहत दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में बताया गया। अधिकारियों ने निर्देश दिया कि दिव्यांग बच्चों के प्रमाण पत्र शीघ्र बनाए जाएं और जो बच्चे अब तक किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं पा रहे हैं, उन्हें जल्द से जल्द जोड़ा जाए।
सरकारी सुविधाओं की जानकारी दी गई
दिव्यांग बच्चों के विद्यालय नामांकन को अनिवार्य बनाने पर जोर दिया गया।
उन्हें सहायक उपकरण, ट्रांसपोर्ट और अन्य सरकारी सुविधाएं देने पर चर्चा हुई।
समावेशी शिक्षा के तहत लचीले पाठ्यक्रम और मित्र प्रणाली को अपनाने की बात कही गई।
अभिभावकों और शिक्षकों को समावेशी शिक्षा के महत्व पर जागरूक किया गया।
दिव्यांग बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल
जिला शिक्षा अधीक्षक मुकुल राज ने कहा कि दिव्यांग बच्चों को समावेशी शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार द्वारा शिक्षा प्रणाली को अधिक अनुकूल और लचीला बनाया जा रहा है, जिससे दिव्यांग बच्चे आसानी से पढ़ाई कर सकें और समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।
शिक्षा से जुड़े रहने का आह्वान
कार्यक्रम के अंत में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाई से जुड़े रहने और अपने कौशल को निखारने के लिए प्रेरित किया गया। अधिकारियों ने कहा कि सही मार्गदर्शन और सरकारी सहायता से दिव्यांग बच्चे भी आत्मनिर्भर बन सकते हैं और अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।
इस कार्यशाला से बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों में जागरूकता बढ़ी और दिव्यांग बच्चों को शिक्षा और सरकारी योजनाओं से जुड़ने का अवसर मिला।