
डीएसई के खिलाफ लगे सुविधा शुल्क मांगने की शिकायत पर होगी सुनवाई
क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक प्रवीण रंजन ने डीएसई आयुष कुमार और आरोप लगाने वाले शिक्षक नेता नीलकंठ मंडल को गुरुवार को उपस्थित होने का दिया निर्देश
डीजे न्यूज, धनबाद : झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ, धनबाद जिला शाखा के अध्यक्ष नीलकंठ मंडल ने धनबाद के जिला शिक्षा अधीक्षक आयुष कुमार और उनके कार्यालय के लिपिक मनीष कुमार के खिलाफ पेंशन स्वीकृति के लिए सुविधा शुल्क मांगने की शिकायत की है। इस मामले को लेकर क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक, उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल, हजारीबाग प्रवीण रंजन ने जांच के लिए सुनवाई की तिथि निर्धारित की है। नीलकंठ मंडल द्वारा क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक को भेजी गई शिकायत में जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय पर पेंशन स्वीकृति के लिए अवैध राशि मांगने का आरोप लगाया गया है। इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए प्रवीण रंजन ने मामले की जांच के लिए छह मार्च को दोपहर 12 बजे अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में दोनों पक्षों को उपस्थित होने का निर्देश दिया है। रंजन ने जिला शिक्षा अधीक्षक, धनबाद और उनके कार्यालय के लिपिक मनीष कुमार को निर्देश दिया है कि वे अपने बचाव से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज और साक्ष्य के साथ निर्धारित तिथि को उपस्थित हों। साथ ही, नीलकंठ मंडल को भी अपने साक्ष्यों सहित उपस्थित रहने का अनुरोध किया गया है।
यह है मामला :
धनबाद जिला शिक्षा अधीक्षक आयुष कुमार और उनके कार्यालय में कार्यरत लिपिक मनीष कुमार पर सेवानिवृत्त शिक्षकों से पेंशन स्वीकृति के लिए सुविधा शुल्क (रिश्वत) मांगने के गंभीर आरोप लगे हैं। इस संबंध में झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के धनबाद जिलाध्यक्ष नीलकंठ मंडल ने उपायुक्त को विस्तृत शिकायत पत्र सौंपकर मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है।
शिकायत में लगाए गए प्रमुख आरोप :
पेंशन स्वीकृति में रिश्वतखोरी :
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि जिला शिक्षा अधीक्षक ने अपने स्वजातीय लिपिक मनीष कुमार को पेंशन स्वीकृति की पूरी जिम्मेदारी सौंप रखी है। दोनों अधिकारियों द्वारा सेवानिवृत्त शिक्षकों से पेंशन, उपदान, ग्रुप बीमा और भविष्य निधि जैसी सुविधाओं के लिए मोटी रकम की मांग की जाती है। जो शिक्षक पैसा देने से इनकार करते हैं, उनके पेंशन स्वीकृति में जानबूझकर देरी की जाती है।
जातिवाद और दुर्व्यवहार के आरोप :
शिकायत में यह भी कहा गया है कि पेंशन प्रक्रिया में शामिल लिपिक शिक्षकों से जातिगत आधार पर भेदभाव करते हैं और असंसदीय भाषा का प्रयोग कर उनका अपमान करते हैं।
विभागीय नियमों की अनदेखी :
विभागीय नियमों के अनुसार किसी भी लिपिक को एक ही जिले में तीन वर्ष से अधिक पदस्थापित नहीं किया जा सकता, लेकिन मनीष कुमार पिछले चार वर्षों से धनबाद में कार्यरत हैं। पूर्व में क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक द्वारा शिकायत के बाद उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया था, लेकिन ऊपरी पहुंच और पैरवी के बल पर वे फिर से उसी पद पर लौट आए।
स्थानांतरण में अनियमितता :
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि धनबाद में शिक्षक स्थानांतरण के दौरान मोटा सुविधा शुल्क लेकर शिक्षकों को शहरी क्षेत्रों में पदस्थापित किया गया, जबकि बंद और एक शिक्षकीय विद्यालयों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।
प्रतिनियोजन में घोटाले के आरोप :
शिकायत में कहा गया है कि पूर्व के अधिकारियों ने भी ऑफलाइन स्थानांतरण पर प्रतिबंध के बावजूद कई शिक्षकों को सुविधा शुल्क लेकर प्रतिनियोजित किया है। संगठन ने गैर-विभागीय जांच दल से इस मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की है।
क्या कहते हैं डीएसई आयुष कुमार :
डीएसई आयुष कुमार का कहना है कि नीलकंठ मंडल की पत्नी का पेंशन रिजेक्ट होने पर गलत आरोप लगाया जा रहा है। उनकी पत्नी की बर्खास्तगी के बाद अदालत के आदेश पर योगदान मिला था। कुछ समय बाद ही प्रोन्नति मिली जो गलत है। 2003 से सेवानिवृत्ति तक लिए गए गलत वेतनवृद्धि का पैसा वसूल किया जाएगा।