चेन्नई में करंट से मौत के चार दिन बाद घर पहुंचा शव, गांव में कोहराम

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चेन्नई में करंट से मौत के चार दिन बाद घर पहुंचा शव, गांव में कोहराम
डुमरी के भरखर निवासी सुरेश महतो की मजदूरी के दौरान गई जान, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
डीजे न्यूज, गिरिडीह : चेन्नई में काम के दौरान करंट लगने से हुई एक प्रवासी श्रमिक की मौत के बाद रविवार सुबह जब उसका शव एंबुलेंस से डुमरी प्रखंड स्थित उसके गांव पहुंचा, तो भरखर गांव शोक की लहर में डूब गया। मृतक की पहचान डुमरी थाना क्षेत्र अंतर्गत भरखर निवासी सुरेश महतो के रूप में हुई है।
बीते बुधवार को चेन्नई के एक टावर में कार्य के दौरान करंट लगने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। सूचना मिलते ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। चार दिन की मशक्कत के बाद रविवार को जब शव गांव पहुंचा, तो परिजनों की चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया। पत्नी मालो देवी का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं गांव के लोग भी शोक में डूबे नजर आए। गांव में अंतिम दर्शन के लिए भारी संख्या में लोग सुरेश महतो के घर उमड़े। हर आंख नम थी और माहौल पूरी तरह शोकमग्न। इस दुखद घटना पर प्रवासी श्रमिकों के हित में कार्यरत सामाजिक कार्यकर्ता सिकन्दर अली ने गहरी संवेदना जताई और कहा कि हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिले के हजारों श्रमिक देश-विदेश में काम कर रहे हैं। हर साल कई श्रमिक जोखिम भरे कार्य करते हुए अपनी जान गंवाते हैं। परिजनों को शव लाने की प्रक्रिया और मुआवजे की व्यवस्था में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि कंपनियों को कानूनी रूप से बाध्य किया जाए कि ऐसी घटनाओं में श्रमिक के परिजनों को अनिवार्य मुआवजा दिया जाए, ताकि गरीब परिवारों को कुछ राहत मिल सके।

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