चार लेबर कोड के खिलाफ संयुक्त मोर्चा ने कसी कमर प्रदर्शन, सेमिनार-वर्कशाप आयोजित करने पर सहमति बनी

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चार लेबर कोड के खिलाफ संयुक्त मोर्चा ने कसी कमर

प्रदर्शन, सेमिनार-वर्कशाप आयोजित करने पर सहमति बनी

डीजे न्यूज, धनबाद: जगजीवन नगर स्थित बिहार कोलियरी कामगार यूनियन कार्यालय के समीप के मैदान में गुरुवार को संयुक्त मोर्चा की बैठक हुई। अध्यक्षता राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन (इंटक) के महामंत्री एके झा ने की।

29 लेबर कानून को समाप्त कर 4 लेबर कोड को लागू करने के बाद उत्पन्न स्थिति पर विस्तार से समीक्षा की गई ।
बैठक में लेबर कोड का विरोध करने और इस लड़ाई को मजबूती से लड़ने का संकल्प लिया गया।
सभी एरिया व यूनिट स्तर पर शुक्रवार से ड्यूटी पर जाने के समय स्थाई/ ठेका मजदूर 10 दिसंबर तक लेबर कोड के खिलाफ प्रदर्शन करने, सेमिनार व वर्कशॉप आयोजित करने, दिसंबर प्रथम सप्ताह में कतरास एरिया और सिजुआ एरिया में अलग-अलग दो स्थानों पर सेमिनार/ वर्कशॉप संयुक्त रूप से आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
महामंत्री एके झा ने कहा कि भारत में लगभग 80% लोग मजदूरी पर जिंदा है। इसमें लगभग 4 करोड़ मजदुर संगठित क्षेत्र में और लगभग 44 करोड़ मजदूर असंगठित क्षेत्र में कार्य करके अपना जीवन बसर करते हैं। देश में 42% मजदूर ठेका मजदूर है। भाजपा सरकार ने वेलफेयर स्टेट के सिद्धांत को खारिज करते हुए श्रमिक संगठनों से बिना कोई बात किए हुए पूंजीपतियों के हित में एक तरफा फैसला लेते हुए जबरन लेबर कोड को लागू कर दिया है। इस लेबर कोड के लागू होने से मजदूरों के नौकरी पर खतरा पैदा हो गया है। कानून ने पूंजीपतियों को यह अधिकार दे दिया है कि वह मजदूर को फिक्स्ड टर्म जॉब में रखें। अब तक नौकरी वाले मजदूर 60 वर्ष की आयु तक कार्य करते थे, अब प्रबंधन ने दो, तीन या पांच वर्ष के अंदर नौकरी समाप्त करने का अधिकार प्राप्त कर लिया है।
हायर एंड फायर पॉलिसी के तहत 100 श्रमिक वाले इंडस्ट्री के मालिक भी छटनी का हिम्मत नहीं जुटा पाता था, अब प्रबंधन को अधिकार प्राप्त है जहां 300 मजदूर काम कर रहे हैं, उन्हें किसी भी समय बिना कानूनी प्रक्रिया के छटनी की जा सकती है। एक बार जिस श्रमिक की नौकरी चली जाएगी, उसे फिर से काम पर नहीं लिया जाएगा। मजदूरों के कानूनी रक्षा का अधिकार पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। 8 घंटे के पाली का समय सीमा बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया गया है। ओवर टाइम का नियम समाप्त कर दिया गया है। परमानेंट नेचर आफ जॉब में ठेका से काम कराया जाएगा। मजदूरों का शोषण होगा। मेहनत की राशि छिनी जाएगी। ठेकेदार मजदूरों को आर्थिक और मानसिक शोषण करेंगे और पूंजी पतियों को लाभ होगा। बोनस ,ग्रेच्युटी एवं अन्य सामाजिक सुरक्षा के लाभ से मजदूर वंचित होंगे। वेतन कम करने का अधिकार प्रबंधन के पास होगा।
सीएमपीएफ को समाप्त कर दिया जाएगा। पीएफ की राशि का भुगतान ठेकेदार की इच्छा पर निर्भर करेगा। मजदूर और यूनियन के सारे अधिकार समाप्त कर दिए जाएंगे। यूनियन का निबंधन प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। हड़ताल के अधिकार से मजदूरों को वंचित कर दिया जाएगा। प्रबंधन को पुलिसिया जुर्म करने का व्यापक अधिकार प्राप्त होगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा की एनडीए सरकार देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह चौपट करके अंबेडकर जी के संविधान को चिथडा करके लोकतांत्रिक अधिकार को पूरी तरह समाप्त कर देना चाहती है।
बैठक को मानस चटर्जी, एस एस दे, आनंद मयी पाल, हरिप्रसाद पप्पू, छोटू सिंह, बिहारी लाल चौहान, नंदू यादव, आर के तिवारी, आदित्यनाथ झा, अवधेश सिंह, अमित झा, सत्यनारायण सिंह, संजीत सिंह, रणजीत सिंह रामप्रीत प्रसाद, रवि चौबे, रामचंद्र पासवान, दयाल महतो आदि ने संबोधित किया।

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