
बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए आनंद में टैंक स्लैब निर्माण कारखाना टी 3 पैकेज
डीजे न्यूज, नई दिल्ली: भारत की पहली बुलेट ट्रेन की महत्वाकांक्षी परियोजना को समर्थन देने के लिए अत्याधुनिक ट्रैक स्लैब निर्माण कारखाना स्थापित किया गया है, जो देश के हाई-स्पीड रेल बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। कारखाने को आवश्यकतानुसार विभिन्न आकारों के गिट्टी रहित ट्रैक स्लैब (जे-स्लैब) बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। अब तक लगभग 35000 टैंक स्लैब (दो कारखानों से) डाले जा चुके हैं, जो लगभग 175 टैंक कि.मी. के बराबर हैं।
==स्थान: यह कारखाना 436 किलोमीटर एलाइनमेंट पर स्थित है (यह 393 से 508 किलोमीटर तक काम करेगा)। परियोजना स्थल से यह निकटता बुलेट ट्रेन निर्माण के लिए कुशल रसद और ट्रैक स्लैब की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करती है।
==उत्पादन क्षमताएं: प्री-कास्ट प्रबलित कंक्रीट ट्रैक स्लैब आम तौर पर 2220 मिमी चौडे, 4900 मिमी लंबे और 190 मिमी मोटे होते हैं और प्रत्येक स्लैब का वजन लगभग 4 टन होता है। ट्रैक स्लैब निर्माण कारखाने को प्रति दिन 60 स्लैब बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए उच्च दक्षता और महत्वपूर्ण घटकों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करता है। इस कारखाने का उत्पादन दायरा लगभग 46000 जे-स्लैब का निर्माण है। यह सुविधा गुजरात और डीएनएच (352 किमी) में एमएएचएसआर कॉरिडोर के लिए हाई स्पीड रेल ट्रैक के 115 रुट किमी के लिए ट्रैक स्लैब का उत्पादन करेगी।
==स्टैकिंग क्षमताः बड़े पैमाने पर उत्पादन को सहारा देने के लिए, फैक्ट्री में 24000 ट्रैक स्लैब की व्यापक स्टैकिंग क्षमता है। इससे उत्पादित स्लैब का व्यवस्थित भंडारण संभव हो पाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि वे आवश्यकतानुसार निर्माण स्थल पर परिवहन के लिए तैयार है। ट्रैक स्लैब के निर्माण में शामिल इंजीनियरों ने ट्रैक स्लैब के निर्माण की शुरुआत से पहले जापान में अपनाई जाने वाली प्रथाओं के आधार पर जापानी विशेषज्ञों की देखरेख में प्रशिक्षण और प्रमाणन पाठ्यक्रम लिया है।