
बिरनी में गरीब परिवार का आशियाना ध्वस्त, बाल-बाल बचे लोग
बिरनी (गिरिडीह) : गुरुवार देर शाम से रात तक हुई मूसलाधार बारिश ने बिरनी प्रखंड के कई परिवारों को संकट में डाल दिया। प्रखंड के जितकुंडी गांव में दिहाड़ी मजदूर राजू साव का मिट्टी का घर अचानक ध्वस्त हो गया। इस हादसे में घर के छह सदस्य तो बाल-बाल बच गए, लेकिन दो बकरियां और दो उनके बच्चे मलबे में दबकर मर गए।
एक मिनट देर होती तो हम सब खत्म हो जाते
राजू साव की पत्नी कंचन देवी ने आंखों में आंसू लिए बताया कि गुरुवार रात करीब साढ़े नौ बजे खाना खाने ही जा रहे थे कि घर की एक दीवार अचानक गिर गई। आवाज सुनते ही सभी सदस्य बाहर निकले और देखते-देखते पूरा घर जमींदोज हो गया।अगर हम एक-दो मिनट देर करते, तो छह लोग उसी मलबे में दबकर मर जाते। देवी-देवता ने हमें बचा लिया।”
घटना में घर के अंदर रखा 50 किलो चावल, अनाज, बर्तन, कपड़े, जरूरी कागजात सब मिट्टी में दब गया। परिवार के पास अब सिर्फ वही कपड़े हैं, जो उन्होंने उस समय पहने हुए थे।
बारिश में खुले आसमान के नीचे जिंदगी
गरीबी और मजदूरी से किसी तरह तीन छोटे बच्चों और एक वृद्ध मां का पेट पाल रहे राजू साव का कहना है कि उनके पास ग्रीन राशन कार्ड तो है, लेकिन महीनों से राशन नहीं मिल रहा। फिलहाल पड़ोसी के बरामदे में दिन-रात गुज़ारने को मजबूर हैं।
गांव के समाजसेवी मुंशी साव ने कहा कि यह चमत्कार ही है कि इतनी बड़ी घटना में किसी की जान नहीं गई। उन्होंने बीडीओ और उपायुक्त से मजदूर परिवार के लिए तुरंत आवास और राशन की व्यवस्था करने की मांग की।
बीडीओ फणीश्वर रजवार ने कहा कि मामले की जांच कर परिवार को रहने और खाने की व्यवस्था कराई जाएगी।
पुरना नगर में भी बारिश का कहर
तेज बारिश का असर पुरना नगर में भी देखने को मिला, जहां शंकर राणा के घर में बारिश का पानी भर गया। गृहस्वामी ने बताया कि देर रात तक परिवार के लोग घर से पानी निकालने में जुटे रहे और पूरी रात जागकर गुज़ारनी पड़ी।
शंकर राणा का आरोप है कि प्रधानमंत्री आवास और आबुआ आवास योजना की सूची में उनका नाम दो बार आने के बावजूद उन्हें अब तक लाभ नहीं मिला। पंचायत सचिव और मुखिया एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टालते हैं।
मुखिया किशुन राम का कहना है कि सूची में नाम था, लेकिन कैसे कटा यह जांच का विषय है। पंचायत सचिव विजेयता कुमारी से पक्ष लेने के लिए संपर्क किया गया, लेकिन उनका फोन नहीं उठा।