
बिरनी के चार गांवों में हाथियों का उत्पात
कई घरों को तोड़ा, खेतों में खड़ी फसल बर्बाद, वन विभाग की टीम बाल-बाल बची
डीजे न्यूज, बिरनी(गिरिडीह) : गिरिडीह जिले के बिरनी प्रखंड अंतर्गत झरखी, पिपराडीह, बाराडीह और बिराजपुर गांवों में इन दिनों हाथियों की झुंड का आतंक जारी है। सोमवार से इन गांवों के जंगल में डेरा डाले सात हाथियों के दल ने मंगलवार की रातभर गांवों में भारी उत्पात मचाया। इस दौरान हाथियों ने एक घर को ध्वस्त कर दिया और कई किसानों के खेतों में खड़ी धान की फसल को रौंद डाला।
घर को तोड़ा, अनाज किया बर्बाद
झरखी गांव के निवासी राजेश विश्वकर्मा का घर हाथियों की झुंड ने पूरी तरह तोड़ डाला और अंदर घुसकर 5 क्विंटल चावल, 2 क्विंटल गेहूं, आलू-प्याज समेत अन्य सामान को नष्ट कर दिया। भय के कारण घर के सदस्य रात को छत पर शरण लिए रहे, जिससे जान-माल की बड़ी क्षति टली।
खेतों में बर्बादी, ग्रामीण डरे-सहमे
हाथियों ने भीम महतो और खीरो मिस्त्री के खेतों में लगी धान की फसल को पूरी तरह कुचल कर बर्बाद कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि शाम होते ही हाथियों की झुंड गांव में आ जाती है, जिससे पूरे गांव में भय और दहशत का माहौल है।
हाथियों को भगाने में वनकर्मियों की मुश्किलें
वन विभाग की टीम रातभर हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने में जुटी रही। इस दौरान वन विभाग का वाहन पिपराडीह में एक बिजली के खंभे से टकरा गया, जिससे वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। वाहन में सवार सात वनकर्मी बाल-बाल बचे, जबकि चालक को हल्की चोट आई है।
ग्रामीणों की सजगता से टली बड़ी घटना
ग्रामीणों ने घर के चारों ओर आग जलाकर, पटाखे छोड़कर और वन विभाग के वाहन की सायरन की आवाज से हाथियों को भगाने का प्रयास किया, जिससे और अधिक नुकसान टल गया। वन विभाग की ओर से हाथियों को सुरक्षित स्थान की ओर ले जाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
मुआवजा का किया जा रहा है आकलन
वन विभाग के प्रभारी वनपाल सागर विश्वकर्मा ने बताया कि हाथियों को शांतिपूर्वक जंगल में भेजने का प्रयास जारी है। जिन किसानों और ग्रामीणों को नुकसान हुआ है, उसका मुआवजा आकलन कर शीघ्र भुगतान किया जाएगा।
घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर वनकर्मी अनु सोरेन, मुखिया सहदेव यादव, बैजनाथ यादव, मंजूर अंसारी सहित कई स्थानीय लोग उपस्थित रहे और हाथियों को भगाने में सहयोग करते रहे।