भावी शिक्षकों को समाज में अपनी भूमिका पहचाननी होगी : डॉ. अनुज कुमार  सकारात्मक शिक्षण ही राष्ट्र को ऊर्जा प्रदान करता है : डॉ. मृत्युंजय प्रसाद 

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भावी शिक्षकों को समाज में अपनी भूमिका पहचाननी होगी : डॉ. अनुज कुमार 

सकारात्मक शिक्षण ही राष्ट्र को ऊर्जा प्रदान करता है : डॉ. मृत्युंजय प्रसाद 

छात्रों के लिए पथ-प्रदर्शक साबित होगी लेक्चर सीरिज : डॉ. शालिनी खोवाला

स्कॉलर बीएड कॉलेज में पांच दिवसीय लेक्चर सीरीज शुरू

 

डीजे न्यूज, गिरिडीह : बनहट्टी स्थित स्कॉलर बीएड कॉलेज में शनिवार से पांच दिवसीय लेक्चर सीरीज शुरू हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों के बौद्धिक विकास, सकारात्मक चिंतन एवं सृजनात्मक क्षमता को बढ़ावा देना है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में गिरिडीह कॉलेज, गिरिडीह के प्राचार्य डॉ. अनुज कुमार उपस्थित थे, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में विनोबा भावे विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के प्रोफेसर डॉ. मृत्युंजय प्रसाद थे।

कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज की प्राचार्या डॉ. शालिनी खोवाला और डीएलएड प्रभारी डॉ. हरदीप कौर के अतिथियों को पुष्पगुच्छ एवं शॉल भेंट कर सम्मानित करने से हुई। इसके बाद सभी ने दीप प्रज्वलित कर समारोह की औपचारिक शुरुआत की। प्राचार्या डॉ. शालिनी खोवाला ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि यह लेक्चर सीरीज छात्रों के लिए पथ-प्रदर्शक साबित होगी और समाज के उत्थान में उनकी भूमिका को सशक्त बनाएगी। मुख्य अतिथि डॉ. अनुज कुमार ने कहा कि भावी शिक्षकों को समाज में अपनी भूमिका पहचाननी चाहिए और सकारात्मक सोच को अपनाकर निर्णय-निर्माता बनने की ओर अग्रसर होना चाहिए।

मुख्य वक्ता डॉ. मृत्युंजय प्रसाद ने अपने उद्बोधन में कहा कि सकारात्मक शिक्षण ही राष्ट्र को ऊर्जा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि जब हम साथ-साथ पढ़ेंगे, खेलेंगे और बढ़ेंगे तो देश स्वतः सशक्त हो जाएगा।

लेक्चर सीरीज के प्रमुख विषय :

 

सकारात्मक शिक्षण वातावरण बनाए रखना और छात्र व्यवहार प्रबंधन की रणनीतियां।

 

भाषा विकास के सिद्धांत और प्रभावी भाषा कौशल को बढ़ावा देना।

 

बाल विकास के चरण : संज्ञानात्मक, सामाजिक एवं भावात्मक पहलू।

 

 प्रभावी पाठ योजना बनाना और उद्देश्यों को विषय-वस्तु से संरेखित करना।

 

 21वीं सदी के लिए प्रभावी शिक्षण रणनीतियां।

कार्यक्रम के समन्वयक आशीष राज, डॉ. संतोष कुमार चौधरी एवं डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे। मंच संचालन का कार्य आशीष राज और डॉ. संतोष कुमार चौधरी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. संतोष कुमार चौधरी द्वारा प्रस्तुत किया गया।

इस अवसर पर डॉ. सुधांशु शेखर जमैयार, रंजीत कुमार, स्मिता कुमारी समेत अन्य सहायक प्राध्यापकगण उपस्थित रहे। सैकड़ों प्रशिक्षु छात्रों ने इस कार्यक्रम में भाग लेकर लाभ उठाया और सकारात्मक शिक्षण की नई दिशा में प्रेरित हुए।

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