
भारत के शिक्षा तंत्र को एक नई दिशा देने वाला ऐतिहासिक और दूरदर्शी कदम है नई शिक्षा नीति
जामताड़ा महाविद्यालय में नई शिक्षा नीति 2020 पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन, विद्यार्थियों और शिक्षकों को मिला मार्गदर्शन
डीजे न्यूज, जामताड़ा : नई शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) को लेकर व्यापक जन-जागरूकता और उसके प्रभावी कार्यान्वयन के उद्देश्य से गुरुवार को जामताड़ा महाविद्यालय में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व एनईपी 2020 के प्रभार अधिकारी डॉ. पीजूष मालपहाड़िया ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं, शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे।
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों और शिक्षकों को नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों, नामांकन प्रक्रिया, पाठ्यक्रम की संरचना तथा समन्वय तंत्र के बारे में विस्तृत जानकारी देना था। इस अवसर पर नामांकन प्रभारी प्रो. नीलम कुजूर ने शैक्षणिक सत्र 2025–2029 के लिए प्रथम सेमेस्टर की नामांकन प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से समझाया। उन्होंने विद्यार्थियों की शंकाओं का सरल और प्रभावी समाधान करते हुए नई शिक्षा नीति के अंतर्गत आवश्यक दिशा-निर्देशों की जानकारी दी। डॉ. अनमोल अमर बाबा ने अपने वक्तव्य में नई शिक्षा नीति की विशेषताओं और इसके दीर्घकालिक प्रभावों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह नीति भारत के शिक्षा तंत्र को एक नई दिशा देने वाला ऐतिहासिक और दूरदर्शी कदम है, जिसमें कौशल विकास, बहु-विषयक दृष्टिकोण और लचीली पाठ्य संरचना को विशेष महत्व दिया गया है।
डॉ. पीजूष मालपहाड़िया ने विषय आधारित समन्वय, श्रेयांक पद्धति (क्रेडिट प्रणाली) और शिक्षकों की भूमिका को विस्तारपूर्वक समझाया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे मानसिक रूप से तैयार रहें और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ इन परिवर्तनों को अपनाएं।
इस कार्यशाला की अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य शल ने की। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा—
“नई शिक्षा नीति 2020 केवल शिक्षा पद्धति में परिवर्तन नहीं लाएगी, बल्कि विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर, सृजनशील और नवाचारी बनाएगी।”
कार्यक्रम का संचालन प्रो. रेश्मा टोप्पो ने प्रभावशाली ढंग से किया।
इस जागरूकता कार्यशाला में महाविद्यालय के सभी शिक्षकगण, शिक्षकेत्तर कर्मचारीगण एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने इस कार्यक्रम को समयानुकूल, ज्ञानवर्धक और दूरदर्शी पहल बताया। कार्यशाला ने नई शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में एक सुदृढ़ आधार प्रस्तुत किया।