


भाई नीरज सिंह की हत्या का आरोप लगना मेरे जीवन की सबसे बड़ी पीड़ा : संजीव सिंह
जिस भाई के साथ खेलते-कूदते बचपन बिताया, बड़े हुए उसी की हत्या का आरोप लगने का अफसोस जीवन भर रहेगा
डीजे न्यूज, धनबाद : झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह ने शनिवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए अपने जीवन की सबसे बड़ी पीड़ा को सार्वजनिक रूप से साझा किया। उन्होंने कहा कि “मेरे जीवन का सबसे बड़ा दुख यह रहा कि मेरे ही भाई नीरज सिंह की हत्या के मामले में मेरा नाम आ गया। हम दोनों ने बचपन साथ खेलते-कूदते बिताया, बड़े हुए, और एक-दूसरे के बेहद करीब थे। ऐसे में यह मेरे सोच से परे था कि उस दुखद घटना में मेरा नाम जोड़ा जाएगा।”
संजीव सिंह ने बताया कि नीरज सिंह की हत्या एक बेहद दुखद और चिंताजनक घटना थी। “मैंने स्वयं इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी ताकि सच्चाई सामने आ सके,”। नीरज सिंह वं उनके तीन सहयोगियों की हत्या के मामले में नीचली अदालत से बरी होने के बाद संजीव सिंह रविवार को पहली बार मीडियो से बातचीत कर रहे थे। उनके साथ उनकी पत्नी व झरिया की भाजपा विधायक रागिनी सिंह भी थीं।
संजीव सिंह ने आगे बताया कि राजनीति में सक्रिय होने के बाद परिवार और परिचितों से दूरी बढ़ गई थी, जिसे अब धीरे-धीरे कम करने का प्रयास किया जा रहा है। “पत्रकारों से भी दूरी थी, अब उस दूरी को खत्म करने की कोशिश कर रहा हूं,”
संजीव सिंह ने कहा कि वे 2017 में जेल गए थे और 2019 में अपनी पत्नी एवं झरिया की पूर्व विधायक रागिनी सिंह के माध्यम से संदेश भेजवाया था कि लोगों के बीच रहकर जनभावना को समझें और जनता के कार्य करें। “रागिनी चुनाव हारने के बाद भी जनता के बीच सक्रिय रही हैं। हमारे परिवार की राजनीतिक परंपरा सिर्फ चुनाव लड़ना नहीं, बल्कि सामाजिक कार्यों के जरिए लोगों की सेवा करना रही है,”। अपने स्वास्थ्य को लेकर संजीव सिंह ने कहा कि वे स्वास्थ्य अनुकूल होने के बाद ही भविष्य की राजनीतिक दिशा पर निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा, “राजनीति में बने रहना ही बड़ी बात है। जीवन में बहुत कुछ सहा है, लेकिन सच्चाई एक दिन जरूर सामने आएगी।” संजीव सिंह ने कहा कि हत्या का आरोप लगने के बाद उनके लिए यह समय बेहद पीड़ादायक रहा। “हम पांच भाई और 13 बहनें हैं। इस परिवार में ऐसा आरोप लगना मुझे तोड़ गया। मैं आज तक नहीं समझ पाया कि मुझ पर यह आरोप क्यों लगा,”। उन्होंने बताया कि उन्होंने 2019 में सीबीआई जांच के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। यह मामला करीब दो साल तक हाईकोर्ट में लंबित रहा। “2023 में अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था, लेकिन राज्य सरकार ने सीबीआई को पार्टी बनाकर जवाब दिया कि जांच की जरूरत नहीं है,”। संजीव सिंह ने कहा कि वे इस मामले पर कोई टीका-टिप्पणी नहीं करना चाहते, पर इतना जरूर कहना चाहेंगे कि “सच्चाई एक दिन सामने आएगी और न्याय मिलेगा।” बताते चले कि पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह सहित चार की हत्या वर्ष 2017 में हुई थी जिसे आप तत्कालीन झरिया विधायक और भाई संजीव सिंह पर लगा था।