

बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाएगा झारखण्ड ग्रामीण विकास ट्रस्ट,
जिला प्रशासन से मांगा सहयोग
डीजे न्यूज, धनबाद : अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर धनबाद में बाल अधिकारों की सुरक्षा व बाल विवाह के खात्मे के लिए काम कर रहे नागरिक समाज संगठन झारखण्ड ग्रामीण विकास ट्रस्ट ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें जिले में दिवाली से 26 जनवरी तक बाल विवाह के खिलाफ एक सघन और व्यापक अभियान चलाने में सहयोग मांगा गया है। ज्ञापन में कहा गया है कि केंद्र सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के लगभग एक साल पूरे होने जा रहे हैं और जिला प्रशासन के नेतृत्व में धनबाद में इसे मिली सफलताओं को और गति देने के लिए इस विशेष अभियान की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
ट्रस्ट के निदेशक शंकर रवानी ने कहा कि जिले में अब भी बाल विवाह की समस्या मौजूद है। इसी के मद्देनजर दीपावली से लेकर 26 जनवरी तक जिले में बाल विवाह के खिलाफ एक व्यापक और सघन अभियान में जिला प्रशासन का सहयोग मांगा गया है। .हमारी संस्था बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश के 450 से भी ज्यादा जिलों में काम कर रहे 250 से भी अधिक नागरिक समाज संगठनों के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) का सहयोगी है।
उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की सफलता के पीछे सबसे बड़ा कारण कानून पर सख्ती से अमल है और इसी के नतीजे में लोगों की सोच में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि यदि सरकार व समाज एकजुट होकर प्रयास करें तो बाल विवाह की रोकथाम संभव है। इस अभियान में अग्रिम मोर्चे पर खड़े अकेले जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन ने ही पिछले दो सालों में सरकार, पुलिस व प्रशासन के सहयोग से देश भर में लगभग चार लाख बाल विवाह रोके और रुकवाए हैं।”
ज्ञापन में मांग की गई है कि जिला प्रशासन एक सर्कुलर जारी कर विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहित वर्ग जैसे पंडित, मौलवी और पादरी के अलावा इसमें सेवाएं देने वाले अन्य लोगों जैसे बैंड वाले, मैरेज हाल वाले और कैटरर्स आदि को स्पष्ट हिदायत दे कि बाल विवाह में किसी भी तरह की मदद गैरकानूनी है और इसके लिए उन पर कार्रवाई हो सकती है।
