
बाल श्रम उन्मूलन व पुनर्वास पर जिला टास्क फोर्स की बैठक, उपायुक्त ने दिए कड़े निर्देश
बाल श्रमिकों की पहचान, पुनर्वास, शिक्षा में पुनर्निर्वेशन और दोषी नियोक्ताओं पर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने पर रहा जोर
डीजे न्यूज, गिरिडीह : समाहरणालय में सोमवार को उपायुक्त रामनिवास यादव की अध्यक्षता में बाल श्रम उन्मूलन एवं पुनर्वास हेतु गठित जिला स्तरीय टास्क फोर्स की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य जिले में बाल श्रम की रोकथाम, बचाए गए बच्चों के पुनर्वास एवं शिक्षा से पुनः जोड़ने की व्यवस्था को मजबूत करना था।
बाल श्रमिकों की पहचान और पुनर्वास पर विशेष बल
बैठक के दौरान उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बाल श्रम में संलिप्त पाए गए सभी बच्चों को अनिवार्य रूप से चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के समक्ष प्रस्तुत किया जाए और आवासीय विद्यालयों में उनके नामांकन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि विमुक्त बाल श्रमिकों का नियमित फॉलो-अप आवश्यक है ताकि वे दोबारा बाल श्रम के चक्र में न फंसें।
उपायुक्त ने श्रम अधीक्षक को निर्देश दिया कि पूर्व में बचाए गए बच्चों की निगरानी और समुचित पुनर्वास की प्रक्रिया पर विशेष ध्यान दिया जाए। बच्चों की शिक्षा, पोषण, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक समावेशन पर केंद्रित योजनाओं को भी मजबूत करने पर बल दिया गया।
संवेदनशील क्षेत्रों में औचक छापेमारी के निर्देश
उपायुक्त यादव ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जिले के ढाबों, लाइन होटलों, ईंट भट्टों, ऑटो-गैरेजों, वाशिंग सेंटरों तथा अन्य संदिग्ध प्रतिष्ठानों पर औचक छापेमारी की जाए। इन क्षेत्रों को बाल श्रम के संभावित अड्डे मानते हुए नियमित निगरानी एवं छापेमारी की रणनीति तैयार करने के आदेश दिए गए।
उन्होंने यह भी कहा कि जो नियोक्ता 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कार्य पर लगाते हैं, उनके खिलाफ बाल एवं किशोर श्रमिक (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए।
संवेदनशीलता और जवाबदेही पर विशेष जोर
उपायुक्त ने कहा कि बाल श्रम न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह बच्चों के भविष्य के साथ गंभीर अन्याय भी है। सभी संबंधित विभागों को जवाबदेही और समन्वय के साथ कार्य करना होगा ताकि गिरिडीह जिला बाल श्रम मुक्त बन सके।
बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, सहायक श्रमायुक्त, सहायक नगर आयुक्त, बाल संरक्षण पदाधिकारी, नगर निगम समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने अपने विभागीय दायित्वों के तहत उठाए गए कदमों की जानकारी दी और सामूहिक प्रयासों से बाल श्रम मुक्त समाज के निर्माण की प्रतिबद्धता जताई।