बाबूलाल की पिच पर रघुवर ने आक्रामक बल्लेबाजी से जीता दिल

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बाबूलाल की पिच पर रघुवर ने आक्रामक बल्लेबाजी से जीता दिल

राजधनवार के घोड़थम्बा सांप्रदायिक झड़प के बहाने झारखंड की राजनीति में की धमाकेदार एंट्री 

दिलीप सिन्हा, गिरिडीह : नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के विधानसभा क्षेत्र राजधनवार से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड की राजनीति में एक बार फिर से धमाकेदार एंट्री की है। अपनी आक्रामक स्टाइल से रघुवर ने एंट्री के साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों का दिल जीत लिया है। इंटरनेट मीडिया में समर्थक यह कहने लगे हैं कि झारखंड में भाजपा को ऐसे ही नेतृत्वकर्ता की जरूरत है। रघुवर ने बाबूलाल के राजधनवार विधानसभा क्षेत्र के घोड़थम्बा में होली के दौरान हुए सांप्रदायिक झड़प के बहाने यह धमाकेदार एंट्री की है। रघुवर के इस आक्रामक अंदाज से भाजपा कार्यकर्ताओं को यह भी लगने लगा है कि झारखंड प्रदेश भाजपा के अगले अध्यक्ष रघुवर दास ही होंगे। यहां हम आपको बता दें कि झारखंड भाजपा का सांगठनिक चुनाव चल रहा है। अगले महीने नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। ओबीसी कोटा से प्रदेश अध्यक्ष देने की बात चल रही है। रघुवर दास ओबीसी कोटा से आते हैं।

बाबूलाल जहां अपने विनम्र स्वभाव और गंभीर राजनीति के लिए जाने जाते हैं वहीं रघुवर आक्रामक शैली के लिए।

बाबूलाल अपने विधानसभा क्षेत्र में हुए इस बवाल के बाद लगातार उच्चाधिकारियों से वार्ता कर रहे हैं और इंटरनेट मीडिया के जरिए हेमंत सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इधर ओडिशा के राज्यपाल के पद से इस्तीफा देकर भाजपा की राजनीति में फिर से उतरे पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी घोड़थम्बा की घटना के दूसरे दिन प्रेस बयान जारी कर हेमंत सरकार पर सीधे निशाना साधा था। बाबूलाल और रघुवर के एक साथ मोर्चा संभालने से सरकार और प्रशासन पर इस घटना को लेकर दबाव बना था। इस बीच रविवार को देवघर में बाबा बैधनाथ की पूजा अर्चना कर रघुवर दास अचानक गिरिडीह जिले के घोड़थम्बा पहुंच गए। भाजपाई भी बड़ी संख्या में उनके साथ पहुंच गए। रघुवर कुछ पीड़ित परिवारों से मिले। इसके साथ ही वह अपने चिरपरिचित आक्रामक अंदाज में आ गए। वहां मौजूद एसडीएम को खूब खरी-खोटी सुनाई। एसडीएम से सीधा सवाल किया-क्यों रोका गया होली का जुलूस जवाब दो। सद्भाव का ठेका क्या सिर्फ हिंदू समाज ने लिया है? मस्जिद में पत्थर जुटाया गया था तो क्या कर रहे थे थानेदार और स्पेशल ब्रांच? पांच साल हमने भी सरकार चलाया है। किसी में हिम्मत थी जो दंगा करा दे।

यह सुनते ही समर्थक रघुवर के समर्थन में नारेबाजी करने लगते हैं। रघुवर ने मीडिया से कहा कि संतुलन बनाने के लिए दस इधर से और दस उधर से गिरफ्तार कर लिया गया। शासन संतुलन बनाने से नहीं चलता है। प्रशासन को निष्पक्ष होकर ठोस कार्रवाई करना चाहिए। जो दोषी हैं, उसे गिरफ्तार कर जेल भेजे। प्रशासन को चेताया कि अनुसंधान कर एक सप्ताह में सभी निर्दोष लोगों का नाम प्राथमिकी से हटाए नहीं तो वह फिर से गिरिडीह आएंगे और मोर्चा संभालेंगे। रघुवर ने रणनीति के तहत झामुमो-कांग्रेस गठबंधन सरकार पर निशाना साधा। कहा कि जब-जब झामुमो गठबंधन की सरकार बनती है, हिंदुओं के पर्व त्योहारों में जुलूस पर हमले होते हैं। वोट बैंक की राजनीति के कारण ऐसा होता है।

बहरहाल रघुवर दास ने घोड़थम्बा कांड के बहाने खुद को और भाजपा कार्यकर्ताओं को जो निराशा में डूबे हुूए थे उनमें जोश भर दिया है। इधर राजधनवार और गिरिडीह के कई प्रमुख लोगों ने देवभूमि झारखंड न्यूज से बातचीत में कहा कि राजनेताओं के अपने एजेंडे होते हैं। वे उस एजेंडे के अनुसार काम करते हैं। लेकिन, इस बात में कोई दो मत नहीं है कि गिरिडीह जिला और पुलिस प्रशासन की सक्रियता से घोड़थम्बा में उपद्रवियों पर तुरंत काबू पा लिया गया। यह प्रशासन की सक्रियता का ही कमाल था कि घटना को बड़ा होने से रोक दिया गया।

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