

आस्था का महापर्व छठ को लेकर नगर निगम ने शुरू की तैयारियां,
नगर आयुक्त ने अधिकारियों को दिया दिशा-निर्देश
डीजे न्यूज, धनबाद: लोक आस्था का महापर्व छठ निकट है। छठ में धनबाद नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत दर्ज़नों तालाबों, जलाशयों एवं नदी तटों पर श्रद्धालु बड़ी संख्या में पूजा-अर्चना हेतु एकत्र होते हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में सोमवार को नगर आयुक्त रवि राज शर्मा की अध्यक्षता में निगम मुख्यालय में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में अतिरिक्त नगर आयुक्त, मुख्य अभियंता, सहायक नगर आयुक्त, सिटी मैनेजर तथा सभी अंचलों के पर्यवेक्षक उपस्थित थे। पर्यवेक्षकों के साथ बैठक ऑनलाइन के माध्यम से आयोजित की गई।
बैठक में नगर आयुक्त ने निगम क्षेत्र के सभी पाँच अंचलों के वार्डवार समीक्षा की और छठ घाटों तक जाने वाले मार्गों की सफाई, तालाबों की सफाई तथा झाड़ियों की छँटाई का प्रथम चरण 15 अक्टूबर तक पूर्ण करने का निर्देश दिया। उन्होंने विशेष रूप से निर्देशित किया कि दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन स्थल की सफाई एवं मूर्तियों के निकासी का कार्य प्राथमिकता से संपन्न किया जाए, ताकि छठ पूजा के समय कोई बाधा उत्पन्न न हो।
अधिकारियों ने विभिन्न तालाबों से मूर्तियों को निकालने का कार्य पहले से प्रारंभ कर देने और यह कार्य चरणबद्ध रूप से जारी रहने की जानकारी नगर आयुक्त को दी।
द्वितीय चरण की सफाई 16 से 19 अक्टूबर तक की जाएगी, जो दीपावली से एक दिन पूर्व तक चलेगी। इस अवधि में छठ घाटों एवं मार्गों की विशेष सफाई, प्रकाश व्यवस्था की जाँच और घाटों की समतलीकरण का कार्य किया जाएगा।
नगर आयुक्त ने सभी संबंधित अभियंताओं एवं पर्यवेक्षकों को निर्देशित किया कि बारिश के कारण जलस्तर अधिक होने से कुछ तालाबों एवं घाटों पर संभावित खतरे की स्थिति बनी हुई है। ऐसे स्थानों की पहचान कर बैरिकेडिंग, चेतावनी पट्ट एवं सूचना संकेतक बोर्ड लगाए जाएँ। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और वे स्वयं छठ घाटों का औचक निरीक्षण करेंगे।
नगर आयुक्त ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सड़क प्रकाश व्यवस्था पूर्णत: कार्यशील रहे और धार्मिक सामग्री विसर्जन हेतु पृथक स्थानों का चिह्नांकन कर उन्हें सुरक्षित किया जाए।
नगर आयुक्त ने धनबाद वासियों से अपील की कि वे नगर निगम के सफाई कार्यों में सहयोग करें, छठ पर्व के दौरान जलाशयों को स्वच्छ बनाए रखें और दिवाली पूजन पश्चात् सामग्री को निर्धारित स्थानों पर ही विसर्जित करें, जिससे नगर की स्वच्छता एवं श्रद्धा दोनों का समन्वय बना रहे।
