
आसनबनी में कार्य शुरू कराने आए प्रशासनिक अधिकारियों का ग्रामीणों ने किया विरोध, जेसीबी मशीन के चालक के साथ मारपीट, पुलिस के साथ नोंकझोंक
डीजे न्यूज, बलियापुर, धनबाद:
आसनबनी मौजा में सेल टासरा द्वारा अधिगृहित करीब 42 एकड़ भूमि पर निर्माण कार्य का ग्रामीणों द्वारा किए जा रहे विरोध को देखते हुए गुरुवार को कार्य शुरू करने के लिए दंडाधिकारी के साथ भारी संख्या में पुलिस आसनबनी पहुंची। जिला प्रशासन एवं पुलिस टीम को देखते ही ग्रामीण उग्र हो गए और सैकड़ो की संख्या में महिला पुरुष लाठी डंडा कुल्हाड़ी लेकर प्रस्तावित भूमि पर पहुंच ग ए। ग्रामीण पुलिस प्रशासन का विरोध करने लगे। इस दौरान पुलिस एवं ग्रामीणों के आमने-सामने हो जाने से माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया। प्रस्तावित कार्यस्थल पर धनबाद के भू अर्जन पदाधिकारी रामनारायण खलको, बलियापुर के सीओ प्रवीण कुमार सिंह, प्रभारी बीपीआरओ मोहम्मद आलम एवं थाना प्रभारी आशीष भारती समेत काफी संख्या में महिला पुलिस के साथ पुलिस बल मौजूद थे।
चालक के साथ मारपीट
जमीन समतलीकरण कार्य मे लगे जेसीबी मशीन के चालक चंदनकियारी निवासी सपन प्रमाणिक के साथ ग्रामीणों ने मारपीट कर दी। घटना नें वह जख्मी हो गया। उसे इलाज के लिए बलियापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सक ने बेहतर इलाज के लिए शहीद निर्मल महतो मेमोरियल हॉस्पिटल धनबाद रेफर दिया।
क ई दौर में गरमा गरम बहस
पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारी के साथ ग्रामीणों की कई दौर में नोक झोंक एवं बहस भी हुई। ग्रामीण किसी भी हालत में खेती जमीन पर निर्माण कार्य नहीं होने देने पर अड़े थे।
इधर सीओ प्रवीण ने प्रस्तावित भूमि पर सड़क किनारे बने मकान को जेसीबी मशीन से तोड़ने की बात करने लगे। उक्त मकान में एलआईसी का ग्राहक सेवा केंद्र संचालित है। उन्होंने उक्त मकान के एवज में संबंधित मकान मालिक को मुआवजा का भुगतान कर देने का दावा किया है तथा मकान तोड़ने के कोर्ट का आदेश उन्हें प्राप्त है। इस दौरान सीओ ने उक्त प्रस्तावित भूमि के एवज में 70% रैयतो को मुआवजा का भुगतान कर देने की बातें भी कहीं। जिसे ग्रामीणों ने गलत ठहराया। ग्रामीण किसान उनकी खेतीयोग्य भूमि को सरकार एवं प्रशासन द्वारा बंजर बताने का आरोप लगा रहे थे।ग्रामीणों का कहना है कि उक्त भूमि पर आसनबनी, कालीपुर एवं सिरसाकुंडी के ग्रामीण खेती कर जीविकोपार्जन करते हैं। इसके पूर्व भी इन गांवों के लोग डीवीसी से विस्थापन का मार झेल चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि आसनबनी मौजा में अब जो भी भूमि बची थी वह भी अधिग्रहण हो जाने से यहां के ग्रामीण किसान पूर्णतः भूमिहीन हो जाएंगे। समाचार लिखे जाने तक प्रस्तावित भूमि पर पुलिस एवं ग्रामीण डटे हुए हैं।