
आसनबनी की घटना से लोगों में आक्रोश, पुलिस प्रशासन के खिलाफ जुलूस कल
डीजे न्यूज, बलियापुर, धनबाद:
आसनबनी मौजा में सेल टासरा के लिए अधिग्रहित जमीन पर शुक्रवार को दखल दिलाने पहुंची पुलिस ने रैयतों पर लाठी चार्ज किया था। इस घटना से ग्रामीणों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता एवं कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है।
सरिसकुंडी में बैठक
घटना के विरोध में शनिवार को सरीसकुंडी गांव में ग्रामीणों की बैठक हुई। बैठक में भाकपा माले के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक आनंद महतो मौजूद थे। बैठक में कई पंचायत प्रतिनिधियों के साथ-साथ विभिन्न दलों के नेता एवं कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।
वक्ताओं ने पुलिस कर्मियों के साथ सादे लिबास में कंपनी के गुर्गों द्वारा रैयत ग्रामीणों पर लाठियां बरसाने वाले लोगों को चिन्हित कर प्राथमिकी दर्ज करने तथा गिरफ्तार करने की मांग पुलिस प्रशासन से किया गया।
कानूनी लड़ाई लड़ने की जरूरत: आनंद महतो
पूर्व विधायक आनंद महतो ने कहा कि पुलिसकर्मियों के साथ कंपनी के गुंडो द्वारा जिस तरह रैयत ग्रामीण एवं महिलाओं पर जुल्म ढाया गया, उससे लगता है कानून नाम की कोई चीज है ही नहीं l पूर्व विधायक ने कहा कि लैंड एक्विजिशन एक्ट के मुताबिक किसी को बसाने के लिए कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है। जब रैयत किसान अपनी भूमि को बचाने के लिए सामने आते हैं तो उनकी बर्बरतापूर्ण पिटाई करना कहीं से उचित नहीं लगता। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन ने जनता के अधिकार को खत्म करने के लिए उनकी खेतीयोग्य जमीन को बर्बाद करने का काम किया गया है। उन्होंने रैयत किसान एवं महिलाओं के साथ लाठी चार्ज करने वाले लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। साथ ही ग्रामीणों से अपनी भूमि की रक्षा हेतु कानूनी लड़ाई लड़ने की भी जरूरत बताया।
जुलूस निकालने का निर्णय
बैठक में घटना के विरोध में रविवार को बलियापुर में पुलिस प्रशासन के विरोध में जुलूस निकालने का निर्णय लिया गया। वक्ताओं में भाकपा माले नेता कार्तिक हाड़ी, भाजपा नेत्री तारा देवी, प्रखंड प्रमुख पिंकी देवी, जिला परिषद सदस्य श्वेता कुमारी, राजू महतो, विजय रजक, घनश्याम ग्रोवर, मुखिया गणेश महतो, दिलीप महतो, निताई रजवार, आशीष महतो आदि थे।
बैठक के दौरान ग्रामीणों ने जिला प्रशासन एवं सेल कंपनी के विरोध में जमकर नारे लगाए। मालूम हो कि शुक्रवार को आसनबनी मौजा में सेल टासरा के लिए अधिग्रहित करीब 42 एकड़ भूमि पर कब्जा दिलाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से दंडाधिकारी के साथ भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। इस दौरान पुलिस की मौजूदगी में अधिग्रहित भूमि पर बने मकान को धराशायी करने के साथ-साथ खेती जमीन को बुलडोजर से समतल कर दिया गया। विरोध करने पर रैयत ग्रामीणों के ऊपर लाठियां चटकायी ग ई। ग्रामीणों को घसीट घसीट कर पीटा गया, जिससे लोगों में पुलिस प्रशासन एवं सेल कंपनी के विरुद्ध भारी आक्रोश है।