

आईआईटी (आईएसएम) में होगा 35वां राष्ट्रीय खनन इंजीनियर सम्मेलन और “माइनिंग एंड एनवायरनमेंट – क्वो वाडिस 2070” पर राष्ट्रीय सेमिनार
विशेषज्ञ करेंगे टिकाऊ खनन, पर्यावरणीय संरक्षण और भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा
डीजे न्यूज, धनबाद: इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), धनबाद लोकल सेंटर द्वारा माइनिंग इंजीनियरिंग डिवीजन बोर्ड (आईईआई) के तत्वावधान में, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ माइन सेफ्टी (डीजीएमएस) और सीएसआईआर–सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग एंड फ्यूल रिसर्च (सीआईएमएफआर) के सहयोग से 35वां नेशनल कन्वेंशन ऑफ माइनिंग इंजीनियर्स और नेशनल सेमिनार ऑन “माइनिंग एंड एनवायरनमेंट – क्वो वाडिस 2070” का आयोजन 7 और 8 नवंबर को आईआईटी (आईएसएम) धनबाद में किया जाएगा।
यह दो दिवसीय कार्यक्रम देशभर के प्रमुख खनन विशेषज्ञों, नीति-निर्माताओं, शिक्षाविदों और उद्योग प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाएगा, जहां वे आने वाले दशकों में खनन और पर्यावरणीय स्थिरता के बीच संतुलन पर चर्चा करेंगे।
सेमिनार का विषय “माइनिंग एंड एनवायरनमेंट – क्वो वाडिस 2070” यह दर्शाता है कि बढ़ती वैश्विक खनिज मांग और पर्यावरणीय दायित्वों के बीच खनन उद्योग को अगले 50 वर्षों में किस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। कार्यक्रम में यह विचार किया जाएगा कि कैसे नई तकनीकें, नीतियां और सामुदायिक भागीदारी खनन को पर्यावरण के साथ सामंजस्यपूर्ण बना सकती हैं।
इस अवसर पर प्रो. विश्वजीत पॉल, मानद सचिव, इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) धनबाद लोकल सेंटर एवं पर्यावरण विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद ने कहा कि यह सम्मेलन खनन उद्योग को एक टिकाऊ और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार दिशा में ले जाने की दिशा में सार्थक चर्चा का मंच बनेगा। हमारा उद्देश्य है कि उद्योग, नीति और तकनीक के बीच बेहतर तालमेल से आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन कायम हो।
कार्यक्रम में खनन शिक्षा के 100 वर्षों की यात्रा और भारत में अपनाई गई तकनीकी प्रगति पर भी विशेष चर्चा की जाएगी।
मुख्य उप-विषय
नए खनन क्षेत्र और तकनीकें – स्वचालन, रोबोटिक्स, डिजिटलाइजेशन और सुरक्षित खनन पद्धतियाँ
क्रिटिकल और स्ट्रैटेजिक मिनरल्स – खोज, प्रसंस्करण और स्वदेशी संभावनाएँ
नियामक ढांचे और सुरक्षा पहलू – पर्यावरणीय मंजूरी, माइन सेफ्टी और ऑक्यूपेशनल हेल्थ
टिकाऊ खनन प्रथाएँ – डिकार्बोनाइजेशन, माइन क्लोजर, वॉटर मैनेजमेंट और सर्कुलर इकॉनमी
मानव संसाधन विकास – खनन शिक्षा में सुधार, स्किल डेवलपमेंट और समावेशी उद्योग की दिशा
इस सेमिनार में डीजीएमएस, सीआईएमएफआर, विभिन्न शिक्षण संस्थानों और उद्योग जगत के विशेषज्ञ भाग लेंगे और यह चर्चा करेंगे कि भारत आने वाले वर्षों में कैसे एक जिम्मेदार, तकनीक-आधारित और पर्यावरण अनुकूल खनन प्रणाली की ओर अग्रसर हो सकता है।
