आईआईटी (आईएसएम) के प्रो. डीपी मिश्रा को मिला सम्मान

Advertisements

आईआईटी (आईएसएम) के प्रो. डीपी मिश्रा को मिला सम्मान

डीजे न्यूज, धनबाद : आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के माइनिंग इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. डीपी मिश्रा ने एक बार फिर संस्थान का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। प्रो. मिश्रा को सीएमपीडीआई (सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट), कोयला मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित दो अलग-अलग हैकाथॉन में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल हुई हैं।

प्रो. मिश्रा ने टीसीएस रिसर्च, कोलकाता के सहयोग से आयोजित हैकाथॉन ऑन आर एंड डी में पहला रनर-अप स्थान प्राप्त किया। इस प्रतियोगिता का विषय था “अंडरग्राउंड कोयला खदानों में निरंतर मॉनिटरिंग के लिए स्वदेशी मल्टी-गैस डिटेक्टर का विकास।”
टीम द्वारा प्रस्तुत समाधान “एआई-सक्षम फोटो-एकॉस्टिक स्पेक्ट्रोस्कोपी आधारित मल्टी-गैस डिटेक्टर” था, जो कोयला खदानों में कार्यरत मजदूरों की सुरक्षा बढ़ाने और खदानों की परिचालन क्षमता को सुधारने में मदद करेगा। यह तकनीक खदानों में मौजूद विभिन्न गैसों की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग करने में सक्षम है।

टीसीएस रिसर्च, कोलकाता की टीम में डॉ. अभिजीत गोरे, चिरब्रत भौमिक और डॉ. सुभास्री चटर्जी शामिल थे, जिन्होंने प्रो. मिश्रा के साथ मिलकर यह अभिनव  प्रोजेक्ट विकसित किया।

इसके अलावा, प्रो. मिश्रा को हैकाथॉन ऑन कार्बन कैप्चर टेक्नोलॉजी में दूसरा रनर-अप स्थान भी मिला। इस प्रतियोगिता का विषय था “भारत के कोयला क्षेत्रों में पकड़े गए CO₂ के भू-भंडारण की संभावनाएं।”
उनकी टीम का प्रस्ताव झरिया कोलफील्ड के छोड़े गए और अनमाइनेबल (अखनन योग्य) कोयला सीमों में CO₂ को सुरक्षित रूप से स्टोर करने की संभावनाओं पर केंद्रित था, जो भारत के नेट-जीरो लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।

पुरस्कार वितरण समारोह होटल ट्राइडेंट, मुंबई में आयोजित किया गया था। कोयला एवं खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी और राज्य मंत्री  एससी दुबे ने पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर कोयला मंत्रालय, कोल इंडिया लिमिटेड और सीएमपीडीआई के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

प्रो. मिश्रा का शोध कार्य माइनिंग इंजीनियरिंग के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कवर करता है, जैसे—माइन वेंटिलेशन और पर्यावरण, कोयला खदानों में आग और विस्फोट, स्पॉन्टेनियस कंबशन (स्वतः दहन), सीएफडी तकनीक का उपयोग, फ्लाई ऐश से बैकफिलिंग और स्टोइंग, और रेडिएशन एवं रैडॉन अध्ययन। उन्होंने कई राष्ट्रीय परियोजनाओं का नेतृत्व किया है और कई शोधार्थियों को मार्गदर्शन दिया है।

प्रो. मिश्रा का नाम स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा जारी विश्व के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों की सूची में 2021 से लगातार शामिल है। वे जर्नल ऑफ सस्टेनेबल माइनिंग के एडिटोरियल बोर्ड के सदस्य भी हैं। उन्होंने विभागाध्यक्ष और कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन जैसे माइन वेंटिलेशन एंड एनवायरनमेंट फॉर ग्रीन माइनिंग, पुरी (ओडिशा) के चेयरमैन के रूप में भी उत्कृष्ट नेतृत्व किया है।

प्रो. मिश्रा की यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत समर्पण और शोध क्षमता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि आईआईटी (आईएसएम) धनबाद भारत में माइनिंग और सतत ऊर्जा तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
Scroll to Top