



आदिवासी महिलाओं ने पेश की बिजनेस ग्रोथ प्लान

डीजे न्यूज, धनबाद:आईआईटी (आईएसएम) धनबाद द्वारा कोल इंडिया लिमिटेड की सीएसआर पहल के तहत पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले के सलमा गांव में आयोजित तीन दिवसीय हाई-क्वालिटी मिलेट खेती और उद्यमिता क्षमता निर्माण कार्यक्रम का समापन हो गया। कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी महिलाओं को वैज्ञानिक खेती, उद्यमिता और डिजिटल तकनीक से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था। इस पहल का शैक्षणिक नेतृत्व प्रो. नीलाद्रि दास (प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर) और प्रो. रश्मि सिंह (को-प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर) द्वारा किया गया।
पहले दो दिनों में जहां पैकेजिंग, ब्रांडिंग और डिजिटल मार्केटिंग पर प्रशिक्षण दिया गया, वहीं तीसरे और अंतिम दिन का फोकस मिलेट आधारित व्यवसाय को आगे बढ़ाने की रणनीति और सरकारी योजनाओं से जोड़ने पर रहा। विशेषज्ञों ने पीएमएफएमई, एसएफयूआरटीआई, एनआरएलएम और नाबार्ड जैसी प्रमुख योजनाओं की जानकारी दी, ताकि महिलाएं अपने स्टार्टअप और माइक्रो उद्यमों को आर्थिक सहायता और बाजार लिंकज प्राप्त कर सकें।
प्रतिभागी आदिवासी महिलाओं ने मिलेट आधारित अपने बिजनेस ग्रोथ प्लान तैयार किए और इन्हें विशेषज्ञ पैनल के सामने प्रस्तुत किया। इस दौरान आत्मविश्वास और व्यवसायिक समझ में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला।
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को वैज्ञानिक खेती, बिजनेस प्लानिंग, पैकेजिंग, ब्रांडिंग, डिजिटल मार्केटिंग और बाजार तक पहुंच बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण सलमा गांव में पहले किए गए सर्वे और स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था।
समापन सत्र में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए और कार्यक्रम का औपचारिक समापन हुआ। यह पहल दिखाती है कि कैसे आईआईटी (आईएसएम) धनबाद ने अकादमिक विशेषज्ञता को जमीनी स्तर पर लागू कर आदिवासी महिलाओं के लिए दीर्घकालिक, टिकाऊ और बाजार आधारित आजीविका के अवसर विकसित किए।
