प्रोन्नति नहीं मिलने से आक्रोशित हैं शिक्षक, विधायक को सौंपा ज्ञापन
डीजे न्यूज, धनबाद :
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को जिलाध्यक्ष संजय कुमार के नेतृत्व में धनबाद के विधायक राज सिन्हा से मिलकर शिक्षा एवं शिक्षक हित के विषयों के त्वरित निष्पादन कराने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने विधायक को बताया कि धनबाद जिला में विगत 25 वर्षों से शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिली है। इस कारण प्रधानाध्यापक (ग्रेड 7) के सारे 237 स्वीकृत पद रिक्त रहने के बाद भी पूरे जिले के सभी मध्य विद्यालय प्रधानाध्यापक विहीन है। स्नातक प्रशिक्षित(ग्रेड 04) के प्रोन्नति से भरे जाने वाले 421 पद प्रोन्नति होने की बाट जोह रहा है। इससे विभागीय पदाधिकारियों के इस कार्य के प्रति उदासीनता साफ झलकता है। शिक्षक अपने बहाली के मूल कोटि में ही सेवानिवृत होने को अभिशप्त हो गए हैं जो उनके नैसर्गिक अधिकार का हनन है।
युक्तिकरण सह स्थानांतरण – पदस्थापन के विषय में बताया कि सचिव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देश के आलोक में आवश्यकता से अधिक शिक्षकों का युक्तिकरण करते हुए स्थानांतरण सह पदस्थापन किया जाना है। इस संबंध में स्पष्ट निर्देश है कि प्रारंभिक विद्यालय (वर्ग 01से 08) में पीटीआर (छात्र शिक्षक अनुपात) 1:30 एवं माध्यमिक विद्यालय ( वर्ग 09 से 12) में पीटीआर 1:40 को आधार मानकर आवश्यकता से अधिक शिक्षकों का युक्तिकरण के पश्चात स्थानांतरण करने का निर्देश दिया गया है। स्थानांतरण करते समय जो पहले से पदस्थापित है उसी का स्थानांतरण किया जायेगा चाहे वह सरकारी शिक्षक या सहायक अध्यापक ( पारा शिक्षक) हों।
धनबाद जिले में युक्तिकरण के लिए प्रकाशित सूची के आलोक में विद्यालय से प्राप्त आपत्ति का निराकरण के पश्चात अंतरिम सूची का प्रकाशन नहीं कर सीधे 307 शिक्षकों की सूची तैयार कर प्रकाशित किया गया है। इसमें विभागीय सचिव के निर्देश के विपरीत वैसे मध्य विद्यालय/उत्क्रमित मध्य विद्यालय जहां छात्र संख्या 200 से अधिक है वहां पीटीआर 1:40, जहां 200 से कम है वहां PTR 1:35 एवं प्राथमिक विद्यालय जहां वर्ग 01 से 05 की पढ़ाई होती है वहां पीटीआर 1:30 रखा गया है। अर्थात अपने स्तर से ही आधार तय कर दिया गया है।साथ ही आवश्यकता से अधिक शिक्षकों शिक्षकों की सूची में केवल सरकारी शिक्षक को शामिल किया गया है। उदाहरण स्वरूप किसी विद्यालय में कोई सरकारी शिक्षक 02 साल पहले पदस्थापित हुआ है तो युक्तिकरण में आवश्यकता से अधिक शिक्षकों की सूची में उसे ही शामिल किया गया है चाहे सहायक अध्यापक 20 साल से उसमे पदस्थापित क्यों नहीं हो।ज्ञात हो कि सहायक अध्यापक की नियुक्ति स्वीकृत बल गुणा 40 से अधिक छात्र संख्या रहने पर किया गया था। छात्र संख्या घटने का जिम्मेवार केवल सरकारी शिक्षक को बनाया जा रहा है जबकि सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) की सेवा का स्थायीकरण हो गया है एवं उनकी भी नौकरी 60 वर्षों तक निर्धारित है। ज्ञात हो की वर्ष 2018 में धनबाद जिले में संपन्न युक्तिकरण प्रक्रिया में सरकारी शिक्षक और सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) दोनों को शामिल किया गया था। सैकड़ों सहायक अध्यापक(पारा शिक्षक) का युक्तिकरण के आलोक में स्थानांतरण पदस्थापन किया गया था। इस बार केवल सरकारी शिक्षक को ही बलि का बकरा क्यों बनाया जा रहा है। युक्तिकरण हेतु आपत्ति निराकरण के पश्चात सूची का प्रकाशन नहीं होना इसकी विश्वसनीयता पर प्रश्न चिह्न खड़ा करता है।
विधायक यह जानकर आश्चर्यचकित थे जिले के सभी मध्य विद्यालय प्रधानाध्यापक विहीन है। स्नातक प्रशिक्षित के प्रोन्नति से भरे जानेवाले सारे पद रिक्त हैं। युक्तिकरण में विभागीय सचिव के निर्देश के विपरीत प्रारंभिक विद्यालय में पीटीआर ( छात्र शिक्षक अनुपात) निर्धारित कर सूची तैयार किया गया है। सूची में केवल सरकारी शिक्षक को ही क्यों शामिल किया गया है।क्या छात्र संख्या घटने के लिए केवल सरकारी शिक्षक ही जिम्मेवार हैं। विद्यालय से प्राप्त आपत्ति के निराकरण के उपरांत अंतरिम सूची का प्रकाशन नहीं होना इस कार्य की पारदर्शिता पर प्रश्न चिह्न खड़ा करता है। विषय की गंभीरता को देखते हुए विधायक ने त्वरित संज्ञान लेकर उपायुक्त को दूरभाष पर प्रोन्नति के कुल 657(प्रधानाध्यक 237+स्नातक प्रशिक्षित के 421) पदों पर प्रोन्नति देने एवं युक्तिकरण करने के पूर्व विद्यालय से प्राप्त आपत्ति के निराकरण के उपरांत अंतरिम सूची का प्रकाशन,विभागीय सचिव के निर्देशानुसार प्रारंभिक विद्यालय(वर्ग 01 से j08) के लिए छात्र शिक्षक अनुपात (PTR) 30:01 रखने,First in First out सिद्धांत का अनुपालन में सभी स्तर के शिक्षक को शामिल करने(सरकारी एवं सहायक अध्यापक ) का निर्देश दिया गया। उपायुक्त द्वारा भी प्रोन्नति प्रक्रिया के शीघ्र निष्पादन एवं युक्तिकरण सह स्थानांतरण में विभागीय सचिव के द्वारा दिए गए निर्देश का पालन करते हुए ही पारदर्शिता के साथ कार्य को सम्पन्न कराने की बात कही गई।
विदित हो कि शिक्षा विभाग प्रोन्नति तथा युक्तिकरण में आरटीई 2009 का भी अक्षरशः पालन नहीं कर रहा है। इसका सीधा असर बच्चों के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर पड़ रहा है। प्रारंभिक शिक्षा 1 से 8 कक्षा के अंतर्गत ( प्राथमिक विद्यालय में 1 से 5 कक्षा का संचालन होता है और मध्य विद्यालय में 6 से 8 कक्षा संचालन होता है दोनों का PTR अलग अलग है) आदि
आज के प्रतिनिधि मंडल में जिलाध्यक्ष संजय कुमार, महासचिव नंदकिशोर सिंह,उपाध्यक्ष राज कुमार वर्मा, शंभू शरण अम्बष्ट, विजय कुमार, रामलखन कुमार,अशोक कुमार साहू, नीरज कुमार गुप्ता,योगेंद्र कुमार आदि समेत दर्जनों शिक्षक शामिल थे।