16 माह के मासूम की हत्यारी चाची को उम्रकैद की सजा

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डीजे न्यूज, गिरिडीह :
16 माह के मासूम की हत्यारी सगी चाची मालती देवी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। जिला जज तृतीय एसएन सिकदर की अदालत ने शुक्रवार को भरी अदालत में सजा सुनाई। घटना जिले के देवरी थाना क्षेत्र के मारुडीह गांव की है। इसके पूर्व सजा की बिंदु पर बहस करते हुए बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रमोद कुमार ने न्यूनतम सजा देने की मांग की। वहीं एपीपी सुधीर कुमार ने कड़ी सजा देने की मांग करते हुए कई दलीलें दी। कहा वह मासूम को क्या पता था कि उसे प्यार और दुलार देने वाली मां समान चाची उसके खून का प्यासी है। मासूम की हत्या से माता का गोद सुनी हो गई। घर का चिराग बुझ गया। न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दस हजार रुपए अर्थदंड जमा करने का भी आदेश दिया। जुर्माना राशि जमा नही करने पर छह माह अतिरिक्त सजा जेल में काटनी होगी। हत्याकांड का यह ह्रदयविदारक घटना एक मई 2019 की है। इस कांड की सूचक पूजा कुमारी जो मृतक बच्चें की मां है ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। कहा था कि सुबह साढ़े दस बजे अपने 16 माह के बेटे को खाना देकर कुआं में बर्तन धोने गई थी।उ सका चचेरा भाई आशीष उसे कुछ देर साथ खेल कर ट्यूशन पढ़ने चला गया। उसकी गोतनी मालती देवी उसे गोदी में लेकर खाना खिलाने लगी। फिर प्लास्टिक के ग्लास से पानी पिलाने लगी। इस बीच उसका बेटा जोर-जोर से रोने लगा। जब वह दौड़कर गई और पूछी तो उसकी गोतनी मालती ने बताया कि उसने मिट्टी खा ली थी। वह उसे निकाल रही थी।जब बच्चा अपनी मां के पास आया तो बेचैनी से रोता रहा। कुछ देर बाद अचेत हो गया। उसे इलाज के लिए जमुआ दुबे नर्सिंग होम ले जाया गया। जहर के असर बढ़ने के कारण वहां से उसे बेहतर इलाज के लिए बोकारो रेफर कर दिया गया। एम्बुलेंस से बोकारो पहुंचने से पूर्व बोकारो थर्मल के पास उसके बेटे की मौत हो गई।कहा कि दुश्मनी के कारण उसके बेटे की हत्या उसकी गोतनी ने की ।
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सजायपता के पास जेल में नही रहेगा उसका बेटा :
न्यायालय ने इस मामले में सजा सुनाए जाने के बाद मालती देवी के साथ जेल में रह रहे उसके बेटे को अलग भेजने का आदेश दिया। मालती देवी के जेल जाने के समय उसका एक छोटा बेटा साथ में था।न्यायालय ने उस समय बच्चे को मां के साथ रखने का आदेश दिया था।करीब पांच साल के हो चुके बच्चे को न्यायालय ने सजा सुनाने के साथ मां से बच्चे को अलग कर पिता के जिम्मे दिया। इस मामले में अभियोजन के तरफ से एपीपी सुधीर कुमार ने 12 गवाहों का परीक्षण कराया। वहीं इस कांड के चार्जशीटेड गवाहों ने मासूम के मौत पर भी अपनी सहानुभूति नही दिखाई। अपनी जमीर बेच चुके चार गवाहों ने सीधे न्यायालय में कहा कि वे इस मामले को नही जानते हैं, जबकि सभी घटना के बारे में जान रहे थे। वहीं इस कांड की सूचक सह मृतक की मांऔर पिता ने न्यायालय में पूरी घटना को बताया। चिकित्सकों ने जहर से हत्या की पुष्टि की।अनुसंधान कर्ता और पुलिस ने केस को साबित कराने में कोई कसर नही छोड़ी। दुश्मनी के बात को साबित किया गया। न्यायालय ने इन सभी साक्ष्यों को देखते हुए मालती देवी को दोषी करार दिया।दोषी मालती देवी घटना के बाद से ही जेल में बंद है।

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