
तिसरी में गिरते जलस्तर पर चिंता, सवेरा फाउंडेशन ने निकाली जल यात्रा
डीजे न्यूज, तिसरी, गिरिडीह: तिसरी प्रखंड में तेजी से गिरते जलस्तर और इससे उत्पन्न हो रही समस्याओं को देखते हुए सवेरा फाउंडेशन ने तीन दिवसीय जल यात्रा की शुरुआत की। बुधवार को यह यात्रा चंदौरी मध्य विद्यालय से रवाना हुई, जिसे तिसरी के अंचल अधिकारी (सीओ) अखिलेश प्रसाद, जिला परिषद सदस्य रामकुमार राउत और उपप्रमुख बैजू मरांडी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
गांव-गांव जल बचाने का संदेश लेकर पहुंची यात्रा
यात्रा शुरू होने से पहले चंदौरी मध्य विद्यालय परिसर में जल और पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके बाद यात्रा को रवाना किया गया, जो मोदीबिगहा, बेलवाना, दुलियाकरम, बरेयपाट आदि गांवों से होकर गुजरी।
इस यात्रा में सवेरा फाउंडेशन के सचिव अशोक सिंह, जयराम प्रसाद, सूचित सिंह, गूंजा कुमारी, श्रीतमा पाल, पूजा कुमारी सहित बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुष कार्यकर्ता शामिल हुए। सभी हाथों में जल संरक्षण के स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर चल रहे थे और “जल ही जीवन है”, “जल बचाओ, पेड़ लगाओ”, “पर्यावरण संरक्षण ही जीवन का संरक्षण है” जैसे नारे लगाकर लोगों को जागरूक कर रहे थे।
पहले दिन जल यात्रा बरेयपाट गांव में समाप्त हुई। दूसरे और तीसरे दिन भी यह यात्रा निकाली जाएगी, जिसका समापन शुक्रवार को लोकाय के साखम गांव में होगा।
“जल बचाना हम सबकी जिम्मेदारी” – सीओ अखिलेश प्रसाद
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तिसरी के सीओ अखिलेश प्रसाद ने कहा कि “जल और वृक्षों का संरक्षण हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती, इसलिए हमें इसे संरक्षित करने के लिए कदम उठाने होंगे। लोग अपने घरों में सोखता (रेन वाटर हार्वेस्टिंग) बनाएं ताकि बारिश का पानी व्यर्थ न जाए और जलस्तर बना रहे।”
जिला परिषद सदस्य रामकुमार राउत ने बढ़ती जल समस्या पर चिंता जताते हुए कहा कि जंगलों की अंधाधुंध कटाई के कारण जलस्तर लगातार गिर रहा है और प्रखंड में पेयजल संकट बढ़ता जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार के लकड़ी तस्कर तिसरी के जंगलों को उजाड़ रहे हैं और वन विभाग इसे रोकने में नाकाम साबित हो रहा है।
उपप्रमुख बैजू मरांडी, तिसरी के मुखिया किशोरी साव, चंदौरी की मुखिया आशा देवी और पंचायत समिति सदस्य गोपी रविदास ने भी जल, जंगल और पर्यावरण के संरक्षण पर बल दिया और लोगों से अधिक से अधिक पेड़ लगाने और जल बचाने की अपील की।
सवेरा फाउंडेशन की इस जल यात्रा के माध्यम से जल संकट के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया गया है, ताकि जल और पर्यावरण संरक्षण को लेकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके।