कक्षा एक से 12वीं तक के छात्रों के लिए पांच सौ प्रज्ञा केंद्रों में बनेगा निशुल्क जाति प्रमाण पत्र : संदीप सिंह
डीजे न्यूज, धनबाद :
न्यू टाउन हॉल में आज उपायुक्त संदीप सिंह की अध्यक्षता में ग्राम पंचायत के सशक्तिकरण के लिए सभी मुखियाओं के लिए प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित की गई।
इस अवसर पर उपायुक्त ने सभी मुखिया से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनकी डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग न हो। मुखिया पर बड़ी जिम्मेदारी है। बहुत सारी योजनाओं का फंड मुखिया के डिजिटल सिग्नेचर से विथड्रॉ होता है। इसलिए हर तकनीकी पहलुओं की जानकारी रखना आवश्यक है। सभी मुखिया नियम एवं प्रावधान के अनुरूप काम करें।
पंचायतों में डीएमएफटी, 15 वें वित्त तथा ग्रामीण विकास विभाग से योजनाएं ली जाती है। योजनाएं ग्रामसभा के माध्यम से पारित करे। ग्रामसभा में तय करें किस योजना को लेना है। कार्ययोजना बनाएं। फंड के अनुसार काम करवाए। योजना पारित करने के बाद उसे ई-ग्रामसभा पोर्टल पर अपलोड करें। योजना का भुगतान करते समय सभी नियमों का पालन करें। डीएमएफटी सहित अन्य मद से ली जाने वाली योजना के लिए भी ग्रामसभा की अनुमति और अन्य प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है।
उपायुक्त ने सभी मुखिया से कहा कि वे अपने पंचायत में सरकारी भूमि का अतिक्रमण तथा अवैध खनन की सूचना अवश्य दें। अतिक्रमणकारियों व अवैध खनन में संलिप्त लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। खेल के मैदान, तालाब, तालाब की तरफ जाने वाले रास्ते इत्यादि पर नजर रखें।बैठक के दौरान उपायुक्त ने सभी मुखिया को कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों का निशुल्क जाति प्रमाण पत्र बनने की जानकारी दी। कहा कि जिले के 500 प्रज्ञा केंद्र को इस कार्य के लिए अलग-अलग स्कूल से टैग किया गया है। जाति प्रमाण पत्र निशुल्क बनाना है। साथ ही कहा कि जिले में वोटर कार्ड को आधार से लिंक किया जा रहा है। मतदाता बनने की अहर्ता 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर निर्धारित है। इसके अलावा कम बारिश होने की वजह से सुखाड़ की स्थिति, झारखंड राज्य फसल राहत योजना, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र सहित अन्य योजनाओं पर सतत निगरानी रखने का आग्रह किया।
बैठक के दौरान सभी मुखिया को पंचायत में योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रक्रिया, विकास के लिए वार्षिक योजनाएं तैयार करना, स्वैच्छिक श्रमिकों को संगठित करना, सामुदायिक कार्य में स्वैच्छिक सहयोग प्रदान करना, जन्म एवं मृत्यु का पंजी में संधारण करना, अतिक्रमण हटाना, प्राकृतिक संकट में सहायता करना, गांव में अनिवार्य रूप से सांख्यिकी कार्य करना, विवाह निबंधन, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, लघु वन उत्पाद, सामाजिक एवं कृषि वानिकी, खादी ग्रामीण और कुटीर उद्योग, ग्रामीण गृह निर्माण, पेयजल, सड़क, भवन, पुल पुलिया, जलमार्ग, ग्रामीण विद्युतीकरण, खेलकूद व सांस्कृतिक कार्यक्रम, तकनीकी प्रशिक्षण, पुस्तकालय व वाचनालय, वयस्क एवं अनौपचारिक शिक्षा सहित अन्य विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया।प्रशिक्षण सह कार्यशाला में डीएमएफटी से ली जाने वाली पेयजलापूर्ति, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, वृद्ध एवं दिव्यांग, कौशल विकास, स्वच्छता, आधारभूत संरचना, कृषि, ऊर्जा, वाटर शेड, पर्यावरण की गुणवत्ता बढ़ाने के संबंध में विस्तार से बताया गया।ग्रामीण विकास के तहत मनरेगा, बिरसा हरित ग्राम योजना, पोटो हो खेल मैदान, आवास निर्माण, नीलांबर पीतांबर जल समृद्धि योजना, सिंचाई, भूमि विकास, आंगनबाड़ी, दीदी बाड़ी, अमृत सरोवर के साथ-साथ सांसद आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की जानकारी दी गई।प्रशिक्षण सह कार्यशाला में उपायुक्त संदीप सिंह, उप विकास आयुक्त शशि प्रकाश सिंह, जिला योजना पदाधिकारी महेश भगत, उप निर्वाचन पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार पांडेय, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल एक एवं दो के कार्यपालक अभियंता, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी पंचायतों के मुखिया शामिल थे।