



प्रभु का चरित्र और स्वच्छता ही सुखी जीवन का आधार : ललितवल्लभ नागार्च
डीजे न्यूज, धनबाद: सरायढेला स्थित स्टीलगेट दुर्गा एवं शिव मंदिर प्रांगण इन दिनों पूरी तरह भक्ति और आध्यात्म के रंग में रंगा है। यहाँ आयोजित सात दिवसीय भव्य श्रीमद्भागवत कथा ‘हर के आँगन में हरि कथा’ के सातवें दिन शुक्रवार को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। वृंदावन से पधारे प्रख्यात कथा व्यास पूज्य श्री हित ललितवल्लभ नागार्च जी ने अपनी सुमधुर वाणी से ज्ञान की गंगा बहाई।

प्रेम और भक्ति का केंद्र हैं प्रभु
कथा के दौरान व्यास जी ने ईश्वर और भक्त के अटूट संबंध पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रेम करना हो या अधिकार से झगड़ना, हमारे प्रभु ही एकमात्र आश्रय हैं। वे अंतर्यामी हैं, सबकी सुनते हैं और भक्तों के मान की रक्षा करते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब देवगणों पर भी संकट आता है, तो उन्हें भी प्रभु श्रीराम और श्रीकृष्ण की शरण में ही जाना पड़ता है।
सुदामा चरित्र देख भावुक हुए श्रद्धालु
सातवें दिन की कथा में भगवान श्रीकृष्ण और उनके परम मित्र सुदामा के प्रसंग ने भक्तों को भाव-विभोर कर दिया। व्यास जी ने सुदामा चरित्र, उद्धव संवाद और श्री शुकदेव पूजन की महिमा का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि कृष्ण का कथन (गीता) और राम का चरित्र, दोनों ही मानव जीवन में अपनाने योग्य हैं।
स्वच्छता में बसती हैं लक्ष्मी
आध्यात्मिक चर्चा के साथ-साथ व्यास जी ने सामाजिक संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि जहाँ स्वच्छता होती है, वहीं लक्ष्मी का वास होता है।कथा के दौरान भजनों पर श्रद्धालु झूमते नजर आए। आयोजन समिति और स्थानीय भक्तों द्वारा व्यास जी का भव्य स्वागत किया गया।
