



आईआईटी (आईएसएम) और सर्वे ऑफ इंडिया के बीच एमओयू, जीओस्पेसिअल रिसर्च को मिलेगी नई रफ्तार

डीजे न्यूज, धनबाद: आईआईटी (आईएसएम) धनबाद और सर्वे ऑफ इंडिया के बीच गुरुवार को एक अहम समझौता (MoU) हुआ। यह समझौता जीओस्पेसिअल रिसर्च, शिक्षा और नेशनल सर्वेइंग क्षमता को मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। एमओयू पर हस्ताक्षर आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के एडमिन बिल्डिंग के कॉन्फ्रेंस हॉल में हुआ।
सर्वे ऑफ इंडिया की टीम का नेतृत्व ई.टी.पी. मलिक, आईईएस, डायरेक्टर, झारखंड और बिहार डायरेक्टरेट ने किया। उनके साथ सुपरिंटेंडिंग सर्वेयर आलोक कुमार और ऑफिसर सर्वेयर संतोष कुमार मौजूद थे।
आईआईटी (आईएसएम) की ओर से डायरेक्टर प्रो. सुकुमार मिश्रा ने नेतृत्व किया। डिप्टी डायरेक्टर प्रो. धीरज कुमार, डीन (आरएंडडी) प्रो. पार्थसारथी दास, माइनिंग इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष प्रो. भंवर सिंह चौधरी, सिविल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष प्रो. श्रीनिवास पसुपुलेटी और नोडल ऑफिसर प्रो. वसंता गोविंद कुमार विलुरी समेत अन्य फैकल्टी व अधिकारी भी उपस्थित थे।
ई.टी.पी. मलिक ने इस मौके पर कहा कि यह साझेदारी नेशनल जीओस्पेसिअल पॉलिसी 2022 के अनुरूप है। इस पॉलिसी का मकसद है कि देश में बड़े निवेश से तैयार जीओस्पेसिअल डेटा का फायदा आम जनता, शोधकर्ताओं और शैक्षणिक संस्थानों को मिल सके। उन्होंने बताया कि इस एमओयू से एडवांस्ड डेटा तक पहुंच आसान होगी, खासकर 1100 सीओआरएस और रीजनल सेंटर फॉर जियोडेसी, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद की मदद से, जिससे सर्वे में लगने वाला समय और भारी उपकरणों की जरूरत काफी कम हो जाएगी।
आईआईटी (आईएसएम) के डायरेक्टर प्रो. सुकुमार मिश्रा ने कहा कि इससे रिसर्च, छात्रों की भागीदारी और सर्वेइंग व जीओस्पेसिअल टेक्नोलॉजी में नए अवसर खुलेंगे।
यह एमओयू देश में जीओस्पेसिअल इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने, इनोवेशन बढ़ाने और स्किल्ड मानव संसाधन तैयार करने की दिशा में अहम साबित होगा।
