



84 लाख योनियों के बाद मिलता है मानव जीवन, हरि भजन में बिताएं समय: हित ललितवल्लभ

डीजे न्यूज, धनबाद: कोयलांचल के सरायढेला स्थित स्टीलगेट दुर्गा एवं शिव मंदिर प्रांगण में चल रहे सात दिवसीय भव्य धार्मिक अनुष्ठान ‘हर के आँगन में हरि कथा’ के दौरान वृंदावन के सुप्रसिद्ध कथा व्यास पूज्य श्री हित ललितवल्लभ नागार्च जी ने अपनी ओजस्वी वाणी से उपस्थित जनसमूह को श्रीमद्भागवत कथा का रसपान कराया।
दिखावे की भक्ति से बचें श्रद्धालु
कथा के दौरान व्यास जी ने कहा कि ईश्वर जीव को हर समय नाम जपने का अवसर देते हैं, इसलिए अपने जीवन में भगवत नाम कीर्तन को विशेष स्थान दें। उन्होंने मानव जीवन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 84 लाख योनियों को भोगने के बाद बड़े सौभाग्य से यह मनुष्य शरीर प्राप्त होता है। यह देह केवल भोग के लिए नहीं, बल्कि हरि भजन के लिए मिली है। उन्होंने जीवन के हर क्षेत्र में अनुशासन का पालन करने और दिखावे की भक्ति से बचने का संदेश दिया।
नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की
कथा प्रसंग के दौरान श्री राम जन्मोत्सव और श्री कृष्ण का नंदोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। जैसे ही कथा व्यास ने ‘नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की’ का उद्घोष किया, पूरा पंडाल तालियों और जयकारों से गूंज उठा। माखन चोर के जन्म की खुशी में श्रद्धालु भजनों पर जमकर झूमे।

