



इमर्जिंग झारखंड बिज़नेस कॉन्क्लेव का भव्य शुभारंभ, उद्योग–अकादमिक–प्रशासन का एक मंच पर संगम

डीजे न्यूज, धनबाद: झारखंड के औद्योगिक इतिहास में एक नई और सुनहरी इबारत उस समय लिखी गई, जब ‘इमर्जिंग झारखंड’ बिज़नेस कॉन्क्लेव का भव्य शुभारंभ शनिवार को धनबाद स्थित राज विलास लग्ज़री रिसॉर्ट में हुआ। यह कॉन्क्लेव न केवल एक आयोजन था, बल्कि झारखंड को आत्मनिर्भर, नवोन्मेषी और सतत औद्योगिक राज्य के रूप में स्थापित करने की मजबूत पहल बनकर उभरा।
झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसिएशन (JITA) एवं अल्लूरी सोसाइटी के संयुक्त प्रयास और आइआइटी-आइएसएम धनबाद के अकादमिक सहयोग से आयोजित इस मंच पर उद्योग, शोध और प्रशासन पहली बार एक साझा विज़न के साथ एकत्रित नजर आए।
ऊर्जा, खनन और उद्योग का रोडमैप हुआ तय
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मनोज अग्रवाल, सीएमडी, बीसीसीएल ने कहा कि झारखंड देश की ऊर्जा सुरक्षा की रीढ़ है और आने वाले समय में यह राज्य सतत खनन, क्लीन एनर्जी और तकनीकी नवाचार का राष्ट्रीय मॉडल बन सकता है। उनके संबोधन ने उद्योग जगत में नई ऊर्जा और विश्वास का संचार किया।
दीप प्रज्वलन के साथ शुरू हुए इस आयोजन में सीएस आइआर–सीआइएमएफआर, डीजीएमएस, सेल, आइआइटी-आइएसएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया।
जीटा अध्यक्ष अमितेश सहाय ने कहा कि यह कॉन्क्लेव झारखंड में निवेश, रोजगार और स्टार्टअप संस्कृति को गति देगा, उन्होंने धनबाद की कोल इंडस्ट्री को FSA के माध्यम से कोयला उपलब्ध कराने की मांग रखी जबकि महासचिव राजीव शर्मा ने इसे उद्योग–सरकार–शिक्षा के बीच सेतु बताया। झारखंड में उद्योग और व्यापार की संभावनाओं के विस्तार की असीम संभावनाएं हैं। भारत कोकिंग कोल लिमिटेड, IIT(ISM), CIMFR इसमें बड़ी भूमिका निभा सकता है। इस क्षेत्र के अग्नि प्रभावितों के लिए गुजरात की तर्ज पर चंडीगढ़ जैसी टाउनशिप डेवलप कर इस क्षेत्र को विस्तार दिया जा सकता है। IIT यहां के उद्योगों को टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के माध्यम से बढ़ावा दे सकता है।
टेक्निकल सेशन में भविष्य की तकनीकों पर मंथन
इसके बाद आयोजित टेक्निकल सेशन की अध्यक्षता प्रो. शत्रुघ्न सोरेन (HOD) और प्रो. श्रवण कुमार, FMME, IIT (ISM), डॉ डी के सिंह ने की।
कॉन्क्लेव के टेक्निकल सेशन में “सतत खनन और महत्वपूर्ण खनिज अन्वेषण, स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण” विषय पर गहन चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने रेयर अर्थ मिनरल्स, ग्रीन माइनिंग, माइन क्लोज़र प्लानिंग और पर्यावरण संतुलन जैसे विषयों पर अपने अनुभव साझा किए, जिससे झारखंड के औद्योगिक भविष्य की स्पष्ट तस्वीर उभरकर सामने आई।
सतत, सुरक्षित और तकनीक-आधारित खनन से ही झारखंड बनेगा ऊर्जा हब: सीएमडी
मुख्य अतिथि एवं भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL) के चेयरमैन–कम–मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड केवल खनिज संपदा का राज्य नहीं, बल्कि देश की ऊर्जा सुरक्षा और औद्योगिक प्रगति की रीढ़ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भविष्य का खनन मॉडल सतत, सुरक्षित और तकनीक-आधारित होना चाहिए, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय समुदायों की सहभागिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
उन्होंने बताया कि बीसीसीएल द्वारा डिजिटल माइनिंग, ग्रीन एनर्जी इंटीग्रेशन, माइन सेफ्टी इनोवेशन और मानव संसाधन कौशल विकास के क्षेत्र में निरंतर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योग, अकादमिक संस्थानों और शोध संगठनों के बीच मजबूत साझेदारी से ही झारखंड को राष्ट्रीय और वैश्विक औद्योगिक मानचित्र पर अग्रणी स्थान दिलाया जा सकता है।
उनका यह वक्तव्य कॉन्क्लेव में उपस्थित उद्योग जगत और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बना और झारखंड के विकास को लेकर एक स्पष्ट एवं दूरदर्शी रोडमैप प्रस्तुत करता नजर आया।
झारखंड के लिए उम्मीदों की नई सुबह
इमर्जिंग झारखंड कॉन्क्लेव यह संदेश देने में सफल रहा कि झारखंड अब केवल खनिज संपदा का राज्य नहीं, बल्कि ज्ञान, नवाचार और सतत विकास का नया केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। यह आयोजन राज्य के औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होने की पूरी क्षमता रखता है। धन्यवाद ज्ञापन नंदलाल अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उद्योग एवं व्यवसाय जगत से जुड़े लोग शामिल हुए।
14 दिसंबर को 11 बजे से शिक्षा, 2 बजे से महिला सशक्तिकरण, 3 बजे स्वास्थ्य, 4 बजे से उद्योग एवं व्यवसाय के पश्चात 5.30 बजे समापन और अवॉर्ड सेरेमनी होगी। कार्यक्रम में कई अन्य विशिष्ट अतिथियों का आगमन होगा।
