


पांच दिवसीय नेतृत्व एवं प्रबंधन विकास कार्यक्रम का शुभारंभ
डीजे न्यूज, धनबाद: सशक्त ग्रामीण शासन और विकेन्द्रीकृत प्रशासन को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (भारतीय खनि विद्यापीठ), धनबाद ने झारखंड सरकार के पंचायती राज विभाग के सहयोग से पांच दिवसीय नेतृत्व एवं प्रबंधन विकास कार्यक्रम (एमडीपी) की शुरुआत की है। यह प्रशिक्षण 10 से 14 नवम्बर तक एक्जीक्यूटिव डेवलपमेंट सेंटर (ईडीसी) में आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम का उद्घाटन आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के उपनिदेशक प्रो. धीरज कुमार ने किया। इस अवसर पर राज्य के विभिन्न जिलों से आए 27 प्रमुख, उपप्रमुख और पंचायत प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रो. धीरज कुमार ने कहा कि पंचायती राज मंत्रालय द्वारा आयोजित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अत्यंत उपयोगी है। इससे प्रतिनिधियों को बेहतर नेतृत्व और प्रशासनिक कौशल प्राप्त होगा, जिससे वे अपने क्षेत्र में विकास कार्यों को अधिक कुशलता और पारदर्शिता के साथ संचालित कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से ग्राम स्तरीय प्रशासन में नवाचार और सहभागिता की भावना को बढ़ावा मिलता है।
प्रो. केका ओझा, डीन, सतत शिक्षा कार्यक्रम, ने कहा कि यह प्रशिक्षण केवल औपचारिक नहीं बल्कि परिवर्तनकारी पहल है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम प्रतिभागियों को सशक्त करेगा और उन्हें आईआईटी (आईएसएम) के गौरवशाली पूर्व छात्र समुदाय का हिस्सा बनाएगा, क्योंकि यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने वाला हर व्यक्ति इस संस्था का गौरव बनता है।
कार्यक्रम की समन्वयक और आईआईटी (आईएसएम) की डीन (कॉरपोरेट कम्युनिकेशन) प्रो. रजनी सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण का उद्देश्य पंचायती राज प्रतिनिधियों में नेतृत्व, संवाद, वित्तीय प्रबंधन, परियोजना नियोजन और डिजिटल प्रशासन की दक्षता विकसित करना है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम नीति और व्यवहार के बीच सेतु का कार्य करेगा, जिससे प्रतिभागी नवाचार, पारदर्शिता और समावेशिता पर आधारित ग्राम शासन मॉडल को अपनाने में सक्षम होंगे।
पहले दिन के प्रशिक्षण सत्र में प्रो. रजनी सिंह और प्रो. रश्मि सिंह, सहायक प्राध्यापक, प्रबंधन अध्ययन एवं औद्योगिक अभियांत्रिकी विभाग ने नेतृत्व, संचार और परियोजना प्रबंधन पर सत्र लिया। सत्र के दौरान प्रतिभागियों ने जमीनी स्तर की चुनौतियों को साझा किया और उनके समाधान पर विचार-विमर्श किया।
दीपा देवी, प्रमुख, दादी प्रखंड (हजारीबाग) ने कहा कि इस प्रशिक्षण से हमें यह समझ में आ रहा है कि समुदाय से संवाद कैसे बेहतर किया जाए और विकास योजनाओं को योजनाबद्ध तरीके से कैसे लागू किया जाए।
वहीं सरयू साव, उपप्रमुख, बिशुगढ़ प्रखंड (हजारीबाग) ने कहा कि यह कार्यक्रम हमें यह सिखा रहा है कि तकनीक का उपयोग पंचायत स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन और वित्तीय प्रबंधन में कैसे किया जा सकता है। यह अनुभव हमारे लिए अत्यंत प्रेरणादायक है।
आगामी दिनों में प्रशिक्षण सत्रों में वित्तीय प्रबंधन, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, लैंगिक बजटिंग और ग्राम शासन जैसे विषयों पर विशेषज्ञ सत्र आयोजित किए जाएंगे। प्रशिक्षण में प्रो. नीलाद्रि दास, प्रो. रश्मि सिंह और प्रो. जी.एस. पाठक मुख्य संसाधन व्यक्ति के रूप में शामिल होंगे।
कार्यक्रम का समापन 14 नवम्बर को वैलेडिक्टरी सत्र के साथ होगा। यह पहल आईआईटी (आईएसएम) धनबाद की उस प्रतिबद्धता को पुनः रेखांकित करती है जिसके तहत संस्थान राष्ट्र निर्माण में शैक्षणिक प्रसार, क्षमता निर्माण और ग्रामीण प्रशासन के सशक्तिकरण के माध्यम से सक्रिय भूमिका निभा रहा है।