रनिंग कर्मचारी और ट्रैक मेन्टेनर्स असहाय हो गए हैं: एसएनपी श्रीवास्तव, 17 नवंबर को सभी लाबियों पर विरोध प्रदर्शन का निर्णय

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रनिंग कर्मचारी और ट्रैक मेन्टेनर्स असहाय हो गए हैं: एसएनपी श्रीवास्तव,

17 नवंबर को सभी लाबियों पर विरोध प्रदर्शन का निर्णय

डीजे न्यूज, धनबाद: ईसीआर जोन में रनिंग कर्मचारियों और ट्रैक मेंटेनर्स की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। उनका कार्य शोषण हो रहा है और वर्तमान यूनियन का कहीं पता नहीं है।  उक्त बातें  ईसीआरकेयू के महामंत्री एसएनपी श्रीवास्तव ने एआईआरएफ वर्किंग कमिटी की बैठक में कहीं । डॉ बी सी राय इंस्टीट्यूट सियालदह में चल रहे दो दिवसीय बैठक का समापन शुक्रवार को हुआ। समापन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान  यूनियन छद्म रूप से रेलकर्मियों को भ्रमित करने काम कर रहा है।  नये लोग भी  नकारात्मक मुद्दों के प्रति जल्द आकर्षित हो जाते हैं।  इन नये आधारहीन संगठन द्वारा कुप्रचार कर  रेलकर्मियों को ठगने काम किया जा रहा है। लेकिन ईसीआरकेयू अभी भी सक्रिय होकर रेलकर्मियों के मुद्दों पर संघर्ष कर रहा है। आज रनिंग कर्मचारियों को निर्धारित घंटों तक ड्यूटी के बाद भी ड्यूटी करना पड़ रहा है। 72 घंटों से ज्यादा हेड क्वार्टर से बाहर रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है। रनिंग भत्ते में एक जनवरी 2024 से 25 प्रतिशत की वृद्धि के मामले पर रेलवे बोर्ड स्तर पर सहमति बनी है लेकिन इससे संबंधित आदेश अभी तक जारी नहीं किया गया है । इन सबके प्रतिरोध स्वरूप और रनिंग कर्मचारियों की अन्य मांगों को लेकर 17 नवंबर को सभी लाबियों पर विरोध प्रदर्शन का निर्णय बैठक में सर्वसम्मति से पारित किया गया।
ट्रैक मेंटेनर्स द्वारा जबरन निर्धारित दूरी के अतिरिक्त पेट्रोलिंग करने के दबाव बनाया जा रहा है।  स्थानीय आवासीय और अन्य समस्याओं के समाधान के लिए भी मान्यता प्राप्त यूनियन का कोई प्रतिनिधि सामने नहीं आ रहा है। ग्यारह महीने बीत जाने के बाद भी चुनाव में किए गए वादों के समाधान हेतु कोई सक्रियता नहीं दिखाई जा रही है । जिससे रेलकर्मियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
महामंत्री ने कहा कि  जोखिम भरा काम करने वाले सभी कर्मचारियों को रिस्क व हार्ड एलाउंस स्वीकृत कराने के लिए फेडरेशन प्रतिबद्ध है। अभी तक रेलकर्मियों का यूपीएस पर भरोसा नहीं जम रहा है। फेडरेशन द्वारा इस पर रणनीति बनाई जानी चाहिए जिससे रेलकर्मियों को भविष्य के सुरक्षा की गारंटी मिल सके । वेतन आयोग के समक्ष इन मुद्दों पर चर्चा करते हुए दबाव बनाए जाने का काम किया जाना चाहिए। नये यूनियन द्वारा ईसीआरकेयू के कार्यालयों को खाली करवाने का दबाव प्रशासन पर डाला जा रहा था लेकिन एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा द्वारा रेलवे बोर्ड स्तर से चिट्ठी जारी कराई गई जिससे ईसीआरकेयू के कार्यालयों को बचाया जा सका । उन्होंने आश्वस्त किया कि भविष्य में भी एआईआरएफ के दिशा निर्देशों का ईसीआरकेयू सक्रियता से पालन करता रहेगा।
ईसीआरकेयू के मीडिया प्रभारी एनके खवास ने बताया कि बैठक में ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन की तरफ से महामंत्री एसएनपी श्रीवास्तव के नेतृत्व में कार्यकारी अध्यक्ष सह वर्किंग कमिटी मेम्बर एसएसडी मिश्रा, अपर महामंत्री सह वर्किंग कमिटी मेम्बर मो जियाउद्दीन, केन्द्रीय कोषाध्यक्ष सह वर्किंग कमिटी मेम्बर मिथिलेश कुमार सहित जोनल सेक्रेटरी ओपी शर्मा ने भाग लिया।

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