


जो बोले सो निहाल सतश्री अकाल के उदघोष से गूंजा झरिया का इलाका
डीजे न्यूज, तिसरा(धनबाद):श्री गुरुनानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर मंगलवार को झरिया कोयरीबांध स्थित गुरुद्वारा से बैंक मोड़ बड़ा गुरुद्वारा के लिए नगर कीर्तन व शोभायात्रा निकाली गई।
इस दौरान जो बोले सो निहाल, सतश्री अकाल…, का उद्घोष गूंजता रहा। पंच प्यारे के आगमन पर स्त्री संगत सड़कों पर झाड़ू लगाती रहीं।
आगे-आगे पंच प्यारे हाथों में तलवार लिए चल रहे थे।
नगर कीर्तन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। रागी जत्था और पंच प्यारों के साथ शोभा यात्रा भ्रमण के लिए निकली। नगर भ्रमण के बाद शोभा यात्रा धनबाद के लिए रवाना हुई। यहां फूलों की वर्षा और जोरदार आतिशबाजी के साथ नगर कीर्तन सह शोभा यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। गुरुद्वारा से निकली शोभा यात्रा कोईरीबांध होते हुए झरिया मुख्य मार्ग पर पहुंची। करीब एक किलोमीटर लंबी शोभा यात्रा के आगे-आगे केसरिया झंडा लिये युवाओं की टोली चल रही थी। केसरिया पगड़ी बांधे युवाओं कि टोली सिक्ख समुदाय के प्रतीक चिह्न, धर्म ध्वजा के साथ चल रहे थे। इनके पीछे पंच प्यारे वाहे गुरु वाहे गुरु का जाप कर रहे थे। इन सबके बीच गुरुनानक देव जी का भव्य दरबार रथ पर सवार थॆ। रथ के पीछे बड़ी संख्या में महिलाएं गुरुवाणी का गुणगान करते चल रही थी। नगर कीर्तन सह शोभा यात्रा में सिखों के दसवे गुरुओं की झांकी निकाली गई। सफेद रंग के वाहनों पर फूलों से सजे गुरुओं की झांकी का आकर्षण देखते ही बन रहा था। झांकी के साथ मोटरसाइकिल जुलूस भी साथ चल रहे थे। रथ के पीछे भक्त पवित्र जल का भी छिड़काव कर रहे थे। शोभा यात्रा के साथ युवाओं कि टोली ने अलग-अलग करतब दिखाए। तलवारबाजी के हैरत अंगेज कारनामे, रस्सियों का करतब दिखाया। खिलाड़ियों ने अपने सीने पर चार पहिया वाहन चढ़ा कर और अपने शरीर पर रखी ईंट को तलवार से काटकर लोगों को अचंभे में डाल दिया। सीने पर बर्फ के सिल्ली तोड़ा, वही छोटे बच्चियों ने अस्त्र-शस्त्र कला का प्रदर्शन किया। शारीरिक प्रदर्शन के दौरान मानव पिरामिड का खेल भी प्रस्तुत किए गए। झरिया विधायक रागिनी सिंह कि बड़ी बेटी शताक्षी उर्फ साक्षी सिंह ने पंच प्यारो के पैर धोए एवं माला पहनाकर उनका अभिनंदन किया। इस दौरान उन्होंने समस्त लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गुरु नानकदेव जी का प्रकाश पर्व मानवता का पर्व है। गुरुजी ने संपूर्ण दुनिया को संदेश दिया कि पूरे जगत का स्वामी एक है। खालसा पंथ की सबसे बड़ी विशेषता है सेवा। सिख समाज पूरे विश्व मेें सेवा कार्यों के नाम से जाना जाता है। जब-जब मानव समाज पर संकट आया, तब-तब सिख समाज ने आगे बढ़कर जरूरतमंदों कि मदद की।
