आईआईटी (आईएसएम)  में “रिसर्च मेथडोलॉजी और एकेडमिक राइटिंग” पर दो हफ्ते का ऑनलाइन रिफ्रेशर कोर्स शुरू

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आईआईटी (आईएसएम)  में “रिसर्च मेथडोलॉजी और एकेडमिक राइटिंग” पर दो हफ्ते का ऑनलाइन रिफ्रेशर कोर्स शुरू

डीजे न्यूज, धनबाद::
आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के ह्यूमैनिटीज़ एंड सोशल साइंसेज़ विभाग में सोमवार को “रिसर्च मेथडोलॉजी और एकेडमिक राइटिंग” विषय पर दो हफ्ते का ऑनलाइन रिफ्रेशर कोर्स शुरू हुआ। यह कार्यक्रम यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) और शिक्षा मंत्रालय द्वारा मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम (MMTTP) के तहत प्रायोजित है। यह कोर्स 3 नवंबर से 15 नवंबर 2025 तक आयोजित किया जा रहा है।

इस कोर्स को देशभर के विभिन्न संस्थानों के 207 शिक्षकों और शोधार्थियों का शानदार रिस्पॉन्स मिला है। कार्यक्रम में 23 विशेषज्ञ वक्ता, जिनमें देश के नामी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज़, IITs, NITs और IIMs के प्रोफेसर शामिल हैं, अपने अनुभव और ज्ञान साझा कर रहे हैं।

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्रो. मृणालिनी पांडेय ने की, जो डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज़ एंड इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग की एसोसिएट प्रोफेसर और मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद की कोऑर्डिनेटर हैं। उन्होंने स्वागत भाषण में बताया कि मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम (MMTTP), राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के विजन के अनुरूप एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य उच्च शिक्षा में अध्यापन और शोध के स्तर को मजबूत बनाना है।

विभागाध्यक्ष प्रो. ज्ञान प्रकाश ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसे कार्यक्रम रिसर्च मेथडोलॉजी और एकेडमिक राइटिंग के क्षेत्र में क्वालिटी बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं और अध्यापकों व शोधार्थियों को अकादमिक उत्कृष्टता की दिशा में प्रेरित करते हैं।

कार्यक्रम की पहली लेक्चर प्रो. संबीत मलिक (IIT गुवाहाटी) द्वारा “Philosophical Foundations of Social Sciences Research” विषय पर दी गई, जिसने आने वाले सत्रों के लिए एक मजबूत शैक्षणिक आधार तैयार किया।

कोर्स कोऑर्डिनेटर प्रो. सांगय तामांग और सह-कोऑर्डिनेटर प्रो. राहुल डी. आर. ने बताया कि यह रिफ्रेशर कोर्स शिक्षकों और शोधार्थियों को एडवांस्ड रिसर्च स्किल्स से लैस करने के लिए बनाया गया है, ताकि वे अपने शोध को जर्नल आर्टिकल्स और बुक्स जैसी प्रकाशित सामग्री में बदल सकें। साथ ही यह कोर्स प्रतिभागियों को रिसर्च प्रपोजल तैयार करने और फंडिंग एजेंसियों में आवेदन करने के लिए भी सक्षम बनाएगा।

यह दो हफ्तों का कार्यक्रम देशभर के शिक्षकों और शोधार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक और अनुभव साझा करने का मंच साबित होगा, जो उनके प्रोफेशनल डेवलपमेंट और अकादमिक ग्रोथ में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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