


लोगों के जीवन और पर्यावरण के लिए खतरा है झरिया की आग: अनुपमा सिंह
डीजे न्यूज, धनबाद: आस्ट्रेलिया के सिडनी में
इंडस्ट्रियल ग्लोबल यूनियन द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन के सत्र में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए सोमवार को भारतीय राष्ट्रीय खान मजदूर महासंघ की प्रतिनिधि अनुपमा सिंह ने खनन क्षेत्र से जुड़ी गंभीर समस्याओं को वैश्विक मंच पर प्रभावशाली ढंग से रखा।
उन्होंने कहा कि झरिया (धनबाद) की भूमिगत कोयला खदानों में सदियों से जल रही आग वहाँ के लोगों के जीवन और पर्यावरण दोनों के लिए खतरा बनी हुई है। हज़ारों परिवार इस आग के ऊपर अपनी ज़िंदगी गुजारने को विवश हैं।
उन्होंने कहा कि धनबाद के कोयला क्षेत्रों में, विशेषकर बीसीसीएल और आउटसोर्सिंग कंपनियों में, मज़दूरों के साथ हो रहे शोषण, असमानता और अधिकारों के हनन की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है।
मज़दूरों को न तो उचित वेतन मिल पा रहा है, न ही सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा के बुनियादी अधिकार।
अनुपमा ने बताया कि उन्होंने झरिया क्षेत्र की महिलाओं को संगठित कर क्षेत्रीय सचिव और सह-सचिव के रूप में आगे लाने की पहल की है, ताकि वे स्वयं अपने अधिकारों की लड़ाई मज़बूती से लड़ सकें।
उन्होंने कहा कि आज लैंगिक असमानता विश्व की सबसे बड़ी चुनौती है, पर बदलाव भी हमारे ही हाथों में है।
जब महिलाएँ एकजुट होती हैं, तो असंभव भी संभव बन जाता है।
नारी तो नारायणी है । शक्ति हमारे भीतर ही है।
उन्होंने सम्मेलन की कार्ययोजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि अब इन योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने की आवश्यकता है।
साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वे झरिया–धनबाद के कोयला क्षेत्रों की वास्तविक स्थिति का संज्ञान लें और मजदूरों के न्याय, सुरक्षा व सम्मानजनक श्रम परिस्थितियों के लिए सहयोग करें।
उन्होंने सभी उपस्थित प्रतिनिधियों को भारत के कोयलांचल धनबाद आने का आमंत्रण देते हुए कहा कि वहाँ आकर आप देखिए कि लोग किस तरह कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे हैं। आपकी सलाह और सहयोग से हम वास्तविक परिवर्तन ला सकते हैं।
अंत में उन्होंने सभी अंतरराष्ट्रीय महिला प्रतिनिधियों के कार्य, समर्पण और नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि यह सम्मेलन विश्व भर की महिलाओं की एकजुटता और सशक्त उपस्थिति का प्रतीक है।
