




टेट परीक्षा अव्यवहारिक : विधायक राजेश कच्छप
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ (अजाप्टा) ने मनाया रजत जयंती समारोह, संघर्ष और उपलब्धियों का हुआ सम्मान
डीजे न्यूज, रांची : अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ (अजाप्टा) ने बुधवार को अपनी गौरवशाली यात्रा के 25 वर्ष पूरे कर लिए। इस अवसर पर रांची के जैक सभागार, नामकुम में रजत जयंती समारोह बड़े ही उत्साह और गरिमा के साथ आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी ने की, जबकि संचालन क्रमशः संगठन सचिव असदुल्लाह और सुधीर कुमार दूबे ने किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खिजरी विधायक राजेश कच्छप थे, जिन्हें बुके, मोमेंटो और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। विधायक कच्छप ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया और अपने संबोधन में कहा कि “शिक्षक समाज की नींव होते हैं। उन्होंने जवानी शिक्षा के उत्थान में समर्पित कर दी है। ऐसे में टेट परीक्षा बिल्कुल अव्यवहारिक है।” उन्होंने आगे कहा कि शिक्षकों के वृत्ति उन्नयन (MACP) पर सकारात्मक रुख रखते हुए कहा कि इस पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। टीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश महासचिव राम मूर्ति ठाकुर ने संघ की 25 वर्षों की संघर्ष यात्रा और उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के 1 सितंबर 2025 के आदेश (जिसमें सभी श्रेणी के शिक्षकों के लिए टेट उत्तीर्ण अनिवार्य किया गया है) पर तकनीकी रूप से जानकारी दी और कहा कि “यह आदेश पूरे देश के शिक्षकों में चिंता का विषय बना है। सभी राज्य के शिक्षक एकजुट होकर संघर्ष कर रहे हैं, और टीचर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (TFI) से अजाप्टा की संबद्धता ने इस संघर्ष को नई ऊर्जा दी है। विजय निश्चित है।”
प्रदेश अध्यक्ष एवं टीएफआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनूप केसरी ने कहा कि “अजाप्टा संघर्ष का पर्याय है। हर मुश्किल घड़ी में तर्क, बुद्धि और पराक्रम के बल पर संगठन विजयी हुआ है। आज अजाप्टा की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बनी है।” उन्होंने घोषणा की कि 21 नवंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में टीएफआई द्वारा आयोजित प्रदर्शन में झारखंड के सभी शिक्षक शामिल होंगे।
अजाप्टा के संस्थापक अध्यक्ष उत्तील यादव ने भावुक होकर कहा कि “संघ ने अपनी स्थापना काल से ही संघर्ष की इबारत लिखी है। उस समय हम युवा थे और जोश से भरे थे। विभागीय मनमानी पर अंकुश लगाने में संघ ने अहम भूमिका निभाई। आज भी शिक्षकों का अटूट विश्वास संघ की सबसे बड़ी पूंजी है।”
इस अवसर पर संस्थापक सदस्यों, प्रदेश कार्यकारिणी, जिला अध्यक्षों और महासचिवों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक दत्ता, हरे कृष्ण चौधरी, प्रदेश प्रवक्ता नसीम अहमद, पलामू जिलाध्यक्ष सुधीर कुमार दूबे, रांची जिलाध्यक्ष सलीम सहाय तिग्गा, कोल्हान प्रमंडलीय अध्यक्ष अजय साहू, पश्चिमी सिंहभूम अध्यक्ष, सिमडेगा अध्यक्ष प्रेम कुमार शर्मा, महासचिव संजय कुमार, गुमला जिलाध्यक्ष रामचंद्र खेरवार, महासचिव सुरंजन कुमार, सुषमा नाग, गढ़वा जिला महासचिव दिलीप श्रीवास्तव, आलोक कुमार, लोहरदगा के महासचिव शंभु शरण शर्मा, धनबाद जिलाध्यक्ष सुनील कुमार भगत, सियाराम सिंह, प्रदेश प्रवक्ता राकेश कुमार सहित दर्जनों शिक्षक प्रतिनिधि मौजूद थे।
इस कार्यक्रम में अजय ज्ञानी (प्रदेश सोशल मीडिया प्रभारी), धनबाद जिला के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय कुमार सिंहा, प्रवक्ता राजकुमार वर्मा, कोषाध्यक्ष संतोष कुमार, पलामू प्रमंडलीय सोशल मीडिया प्रभारी राजेश कुमार गुप्ता, पलामू जिला वरीय उपाध्यक्ष रामानुज प्रसाद, संगठन सचिव राजीव रंजन पांडेय, उपाध्यक्ष नंद किशोर राम, संयुक्त सचिव मनोज द्विवेदी, विनय मांझी सहित विभिन्न जिलों से सैकड़ों शिक्षक प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडलीय अध्यक्ष एवं टीएफआई सचिव अजय कुमार सिंह ने किया। उन्होंने दिसंबर तक संघीय चुनाव संपन्न कराने की प्रतिबद्धता दोहराई।
यह रजत जयंती समारोह न सिर्फ अजाप्टा की संघर्ष यात्रा का उत्सव था, बल्कि यह झारखंड के शिक्षकों की एकता, अधिकार और सम्मान की प्रतीक सभा भी बनी।
