स्प्रिंगर नेचर इंडिया का रिसर्च बस टूर पहुंचा आईआईटी (आईएसएम) शोध उत्कृष्टता और ओपन एक्सेस जागरूकता का किया उत्सव

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स्प्रिंगर नेचर इंडिया का रिसर्च बस टूर पहुंचा आईआईटी (आईएसएम)

शोध उत्कृष्टता और ओपन एक्सेस जागरूकता का किया उत्सव

डीजे न्यूज, धनबाद: स्प्रिंगर नेचर इंडिया का रिसर्च बस टूर, जो शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है, बुधवार को अपने सफर के तहत भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (भारतीय खनि विद्यापीठ), धनबाद पहुंचा। यह देशभर में चल रहे अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत के शोध पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना और ओपन एक्सेस पब्लिशिंग के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह यात्रा 6 अक्तूबर से शुरू होकर 11 नवंबर तक चलेगी, जिसमें सात राज्यों के 17 शहरों और 29 संस्थानों का भ्रमण किया जा रहा है।

कार्यक्रम की शुरुआत रिसर्च बस के फ्लैग-ऑफ, पौधरोपण और दीप प्रज्वलन से हुई, जो शोध और सतत विकास की साझी भावना का प्रतीक था। गोल्डन जुबली लेक्चर थियेटर में आयोजित इस आधे दिन के कार्यक्रम में आईआईटी (आईएसएम) के फैकल्टी, शोधार्थियों और छात्रों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।

आईआईटी (आईएसएम) के डीन (अनुसंधान एवं विकास) प्रो. पार्थसारथी दास ने स्वागत भाषण में कहा कि यह हमारे लिए गर्व का क्षण है कि संस्थान के शताब्दी वर्ष में हमें स्प्रिंगर नेचर जैसी संस्था के साथ काम करने का अवसर मिल रहा है। जब शोध और नेचर मिलते हैं, तो यह विज्ञान और नवाचार की असली भावना को दर्शाता है। ऐसे प्लेटफॉर्म वैज्ञानिकों को जिम्मेदार तरीके से वैश्विक ज्ञान में योगदान देने के लिए प्रेरित करते हैं।

संस्थान के उप निदेशक प्रो. धीरज कुमार ने इस पहल को एक अभिनव प्रयास बताते हुए कहा कि यह देखकर खुशी होती है कि स्प्रिंगर नेचर शोध जगत को सीधे कैंपस तक लेकर आया है। हमारे उत्कृष्ट शोधकर्ताओं को सम्मानित करना न केवल उनके व्यक्तिगत योगदान को रेखांकित करता है बल्कि आईआईटी (आईएसएम) की वैश्विक पहचान को भी मजबूत करता है।

स्प्रिंगर नेचर इंडिया के प्रबंध निदेशक वेंकटेश सर्वसिद्धि ने आईआईटी (आईएसएम) की गौरवशाली परंपरा की सराहना करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक संस्थान नहीं, बल्कि देश की वैज्ञानिक और औद्योगिक प्रगति का सौ साल पुराना प्रतीक है। रिसर्च बस टूर के माध्यम से हमारा उद्देश्य देशभर के शोधकर्ताओं से जुड़ना, उनकी जरूरतें समझना और उन्हें ओपन एक्सेस, नैतिक और प्रभावशाली शोध के लिए प्रोत्साहित करना है।

उन्होंने बताया कि यह टूर लगातार तीसरे वर्ष आयोजित किया जा रहा है और यह युवा शोधकर्ताओं व संस्थानों के बीच संवाद और सहयोग का मंच बन चुका है।

कार्यक्रम के दौरान स्प्रिंगर नेचर टीम ने ओपन एक्सेस पब्लिशिंग, एडिटोरियल एक्सीलेंस और रिसर्च इंटीग्रिटी जैसे विषयों पर कई तकनीकी सत्र और वर्कशॉप आयोजित किए।

इस मौके पर “हर रिसर्च, आवर फ्यूचर” नामक विशेष पहल के तहत आईआईटी (आईएसएम) की सात महिला शोधकर्ताओं को सम्मानित किया गया। इनमें प्रो. रजनी सिंह, प्रो. केका ओझा, प्रो. सौम्या सिंह, प्रो. शालिनी गौतम, प्रो. शीजा जगदेवन, प्रो. निरुपमा मंडल और प्रो. अदिति सेनगुप्ता प्रमुख हैं।

इसके अलावा बुक अवॉर्ड्स से प्रो. बृजेश कुमार मिश्रा, प्रो. बिप्लब भट्टाचार्य और प्रो. सचिन त्रिपाठी को सम्मानित किया गया।
जर्नल पब्लिकेशन अवॉर्ड्स प्रो. अमित राय दीक्षित, प्रो. विवेकानंद मुखर्जी और प्रो. सुनील कुमार गुप्ता को प्रदान किए गए।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण “ओपन एक्सेस पब्लिशिंग लैंडस्केप” विषय पर पैनल चर्चा रही, जिसका संचालन वेंकटेश सर्वसिद्धि ने किया। इसमें प्रो. पार्थसारथी दास, प्रो. अमित राय दीक्षित, विकाश कुमार (स्प्रिंगर नेचर) और  पुष्कर पाठक (आईसीएसएसआर) ने भाग लिया।

कार्यक्रम का समापन डॉ. पार्थ दे (लाइब्रेरियन, सेंट्रल लाइब्रेरी, आईआईटी-आईएसएम) के धन्यवाद ज्ञापन और स्प्रिंगर नेचर इंडिया की ओर से संस्थान को स्मृति चिन्ह भेंट करने के साथ हुआ। अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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