


ग्रामीणों ने नील गाय के बच्चे को पकड़ वन विभाग को सौंपा,
वन विभाग ने ग्रामीणों को किया सम्मानित
डीजे न्यूज, पीरटांड़ (गिरिडीह): जंगल से भटक कर गांव में पहुंची एक नीलगाय के बच्चे को पीरटांड़ थाना क्षेत्र के झरहा गांव के ग्रामीणों ने पकड़ा था। शुक्रवार को ग्रामीणों ने नीलगाय के बच्चे को वन विभाग को सौंप दिया। वन विभाग ने भी नील गाय के बच्चे को पारसनाथ पहाड़ स्थित गंधर्वनाला के पास छोड़ दिया।
इस नेक कार्य के लिए वन विभाग की ओर से ग्रामीणों को सम्मानित किया गया। डीएफओ मनीष तिवारी सहित वन विभाग के अधिकारी शनिवार को झरहा गांव पहुंचे और ग्यारह हजार रुपए नकद पुरस्कार देकर ग्रामीणों को सम्मानित किया।
डीएफओ ने कहा कि जंगलों और जंगली पशुओं की सुरक्षा हमारा कर्तव्य है। नील गाय के बच्चे को बचाकर ग्रामीणों ने बहुत बड़ा नेक काम किया है। इसके लिए वन विभाग आपका आभारी हैं। कहा कि वनों की सुरक्षा के लिए जो भी अपलोगो को सुविधा की चीजें जरूरत हो उसे वन विभाग उपलब्ध कराएगा।
गुरुवार शाम को पशुओं को चराने के क्रम में ग्रामीणों को नीलगाय दिखाई दिया। एक अजीब जानवर देखकर लोग डर गए और शोर मचाया।इसके बाद नीलगाय कहीं भाग गई। बाद में उसका बच्चा अन्य घरेलू पशुओं के साथ जंगल से बाहर आ गया। ग्रामीणों ने इसे पकड़कर अपने पास रखा। इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। सूचना पर नील गाय के बच्चे को बरामद कर वन विभाग ने पारसनाथ पहाड़ पर छोड़ दिया।
बता दें कि पारसनाथ पहाड़ वन्य प्राणी आश्रय स्थल है। वहां सैकड़ों प्रजाति के वन्य प्राणी रहते हैं। वही से वे बिछड़कर ग्रामीण इलाको में चले जाते हैं। ग्रामीणों ने डीएफओ से मांग किया कि इस क्षेत्र में हाथियों का आगमन अधिक होता है, इस लिए उन्हें हाथी से बचने के लिए व्यवस्था दिया जाय। डीएफओ ने लोगो को टॉर्च और सोलर लाइट देने का आश्वासन दिया।
मौके पर मांगू किस्कू और वन विभाग से रोहित पानूरी, सूरज चौधरी, अन्नू सोरेन, अमर कुमार विश्वकर्मा, वीरेंद्र कुमार आदि थे।
