

किसानों को मिलेगा वनोपज का सीधा हक, बिचौलियों की भूमिका होगी खत्म : रामनिवास यादव
डीजे न्यूज, गिरिडीह :
नर भवन में मंगलवार को सिद्धो कान्हू कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड (सिद्वकोफेड) के तत्वावधान में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का उद्देश्य था — बिचौलियों को हटाकर किसानों और वनोपज संग्रहकों को उनके उत्पादों का सीधा लाभ दिलाना।
उपायुक्त रामनिवास यादव एवं उप विकास आयुक्त स्मृता कुमारी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जिला सहकारिता पदाधिकारी समेत कई विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
उपायुक्त यादव ने कहा कि अब ग्रामीणों और अनुसूचित जनजातियों को वनोपज पर मालिकाना हक मिलेगा। प्रशासन के माध्यम से सिद्वकोफेड का गठन कर किसानों और वनोपज संग्रहकों को उचित पारिश्रमिक दिलाने की पहल शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि धान, गेहूं, सब्जी, फल, कुटकी, लाह, इमली, महुआ, करंज, चिरौंजी, बिडी पत्ता आदि उत्पादों के संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन को सहकारी आधार पर संगठित किया जाएगा।
उपायुक्त ने आगे कहा कि सहकारिता से बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी और किसान सीधे अपने उत्पाद का मूल्य प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही उन्होंने सिडकोफेड के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था राज्य सरकार की कृषि एवं वनोपज आधारित जनकल्याणकारी योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रही है।
वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बताया कि सिद्वकोफेड कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग से निबंधित राज्य स्तरीय शीर्ष सहकारी संस्था है, जो कृषि व वनोपज उत्पादों की खरीद, भंडारण, प्रसंस्करण और विपणन के साथ-साथ बीज, उर्वरक और कीटनाशक जैसी सुविधाओं का प्रबंधन करती है।
जिला सहकारिता पदाधिकारी ने कहा कि सिद्वकोफेड का लक्ष्य सहकारी समितियों को मजबूत बनाना और लाह, शहद जैसे पारंपरिक उत्पादों के उत्पादन एवं विपणन में वृद्धि करना है।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य
किसानों और वनोपज संग्रहकों को MPCS के माध्यम से सरकारी योजनाओं से जोड़ना।
सभी MPCS को जिला सहकारी यूनियन का साधारण सदस्य बनाना।
एफपीओ (FPO) को सिद्वकोफेड से नाममात्र सदस्य के रूप में जोड़ना।
MPCS में सदस्यता अभियान चलाकर सभी परिवारों को जोड़ना।
प्रधानमंत्री किसान समृद्धि योजना के अंतर्गत इच्छुक MPCS का चयन।
MPCS को क्रेडिट लिंकिंग की सुविधा प्रदान करना।
इस कार्यशाला के माध्यम से जिले में कृषि और वनोपज क्षेत्र के विकास के लिए सहकारिता को सशक्त आधार बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं।
