

नेपाल के भव्य मंदिर की अनुकृति वाले पंडाल में विराजेगी मां काली,
पांच दिनी वार्षिक पूजनोत्सव की तैयारी अंतिम चरण में
संजय पांडेय, झरिया(धनबाद): आस्था व विश्वास का प्रतीक है शालीमार में मां काली की पूजनोत्सव। 20 से 24 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले 48वां वार्षिक पूजनोत्सव की तैयारी को अंतिम रूप देने का काम प्रगति पर है।
नेपाल के भव्य मंदिर का पंडाल
इस बार यहां नेपाल के भव्य मंदिर के अनुकृति वाले पंडाल का निर्माण किया जा रहा है।
सार्वजनिक कालीपूजा कमिटी के सचिव काजल राय ने बताया कि पूजा पंडाल का निर्माण प्रदीप डेकोरेटर द्वारा किया जा रहा है।
आद्रा के एक दर्जन से अधिक कारीगरों का दल पंडाल निर्माण में लगे हुए हैं। आद्रा के हेड मिस्त्री धनंजय बाउरी ने बताया कि 18 फीट ऊंची पंडाल का निर्माण किया जा रहा है।
मेला का आयोजन
मां काली की पूजन के साथ-साथ यहां मेला का भी आयोजन किया जा रहा है। पांच दिनों तक लगने वाला मेला श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होगा।
1978 से हो रही है देवी काली की पूजा: फाल्गुनी मुखर्जी
पूजा कमेटी के फाल्गुनी मुखर्जी ने बताया की 1978 से यहां देवी की पूजा का आयोजन होते आ रहा है। पूर्व मंत्री आबो देवी के पति मजदूर नेता राजू यादव ने अपने मित्र बरभानंद बनर्जी उर्फ खुदु दा, कल्याण सिन्हा, मदन दास सहित अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर छोटे मानकों में पूजा का शुभारंभ किया था। अब पूजा की धूम इतनी बढ़ गई है की देवी की पूजा अर्चना करने झारखंड के अलावा बंगाल, बिहार, यूपी, दिल्ली से भी श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। पूजनोत्सव में काफी भीड़ होती हैं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कमिटी को सतर्क और सजग रहना पड़ता है।
