

पटना के रामाशीष दुबे ने लगाई पेंच, तिसरी में डिग्री कॉलेज के निर्माण पर रोक
निर्माणाधीन जमीन पर ठोंका दावा, हाईकोर्ट के निर्देश पर खोरीमहुआ एसडीएम ने फिलहाल काम रोकने का दिया आदेश
तिसरी-गावां-देवरी के छात्रों में मायूसी, डिग्री कॉलेज की वर्षों से हो रही थी मांग
अभिषेक सिन्हा, तिसरी(गिरिडीह) : तिसरी प्रखंड के मचनियाटांड़ में करीबन छह एकड़ भूमि पर बन रहा डिग्री कॉलेज जमीन विवाद की भेंट चढ़ गया है। बिहार के पटना जिला के रामाशीष दुबे नामक व्यक्ति ने मचनियाटांड़ स्थित जिस जमीन में भवन निर्माण कार्य किया जा रहा है उसे अपनी रैयती बताया है। उसने कोर्ट में याचिका दायर कर कर डिग्री कॉलेज के लिए किए जा रहे भवन निर्माण कार्य पर रोक लगाने की मांग की है। इसके बाद हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में खोरीमहुआ एसडीएम ने भवन निर्माण कार्य में फिलहाल रोक लगा दी है। इस कारण डिग्री कॉलेज भवन के निर्माण में ग्रहण सा लगता दिख रहा है। इधर डिग्री कॉलेज के भवन निर्माण कार्य पर रोक लगाए जाने से
तिसरी, गावां और देवरी के छात्र-छात्राओं में मायूसी सी छा गई है। साथ ही निर्माण करा रही एजेंसी को भी झटका लगा है।
बता दें कि तिसरी के ग्रामीणों की मांग पर मुद्दतों बाद शिक्षा विभाग ने इसकी स्वीकृति दी है। डिग्री कॉलेज भवन का निर्माण कार्य का ठेका चर्चित ठेकेदार निरंजन राय कंस्ट्रक्शन को दिया गया। इसके बाद तिसरी में तकरीबन 37 करोड़ की लागत से डिग्री कॉलेज भवन बनने का रास्ता साफ हो पाया। इसके लिए तिसरी प्रखंड के मचनियाटांड़ में जमीन का चयन किया गया। अंचल विभाग द्वारा उक्त जमीन की मापी कराने के बाद भवन निर्माण के लिए ठेकेदार को एनओसी दिया गया। एनओसी मिलने के उपरांत तिसरी में डिग्री कॉलेज की जरूरत व मांग को देखते हुए संबंधित ठेकेदार द्वारा मचनियाटांड़ स्थित चयनित जमीन पर ताबड़तोड़ कार्य किया जाने लगा। इसी बीच पटना जिला के आर. दुबे द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर भवन निर्माण कार्य पर रोक लगाने की गुहार लगाई। जिसके बाद अंचल विभाग और रैयत के बीच में भवन निर्माण कार्य में पेंच फंस गया है। वहीं संबंधित ठेकेदार को भी प्रति दिन भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। मालूम हो कि मचनियाटांड़ तिसरी और गावां के बीच में है। यहां डिग्री कॉलेज बनने से अब तिसरी और गावां के ग्रामीण इलाकों की बेटियां भी उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकेगी।
डिग्री कॉलेज की वर्षों से हो रही थी मांग
गौरतलब है कि तिसरी, गावां और देवरी प्रखंड में कोई भी डिग्री कॉलेज नहीं है। इस कारण इन तीनों प्रखंड की बेटियों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने में भारी परेशानी होती थी। या यूं कहें कि डिग्री कॉलेज के अभाव में इन क्षेत्रों के अधिकांश बच्चियां उच्च शिक्षा ग्रहण करने से वंचित रह जाती थी। डिग्री कॉलेज के अभाव में क्षेत्र की अधिकांश बच्चियां मैट्रिक या फिर इंटर की पढ़ाई पूरी करने बाद मजबूरी में आगे की पढ़ाई नहीं कर पाती थी। हालांकि क्षेत्र की कुछ बच्चियां हजारीबाग या अन्य शहरों में जाकर उच्च शिक्षा ग्रहण करती है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों की बच्चियां गरीबी व अन्य कारणों से दूसरे शहर में रहकर शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाती है। इसके कारण ऐसी बच्चियों को नौकरी का अवसर नहीं मिल पाता है। वहीं कम से कम बीए की डिग्री नहीं रहने के कारण बच्चियों की शादी करने में भी भारी परेशानी होती थी। लिहाजा वर्षों से तिसरी में डिग्री कॉलेज खोलने की मांग की जा रही थी। तत्कालीन सरकार की उदासीनता के कारण तिसरी में डिग्री कॉलेज नहीं खोला जा रहा था। अब तिसरी में डिग्री कॉलेज खोले जाने का रास्ता साफ हुआ ही था कि जमीन विवाद के कारण अब फिर से इस पर ग्रहण लग गया है।
अंचल अधिकारी ने दावेदार को पेश करने को कहा कागज
तिसरी के अंचल अधिकारी ने दावेदार को नोटिस कर 25 जुलाई तक तिसरी अंचल कार्यालय में जमीन का कागजात पेश करने का आदेश दिया है। निर्धारित तिथि को कागजात पेश नहीं करने पर एकतरफा कार्रवाई करने को कहा गया है। इधर दावेदार रैयत रामाशीष दुबे ने मचनियाटांड़ के खाता नंबर 03 व प्लॉट-16 में अपना साढ़े 19 एकड़ जमीन रैयती होने का दावा किया है।
