

आईआईटी (आईएसएम) की टीम ने बोकारो की खास महल कोयला खदान में चलाया स्वास्थ्य जागरूकता अभियान,
प्रो. संजीव कुमार रघुवंशी और उनकी टीम के दो शोध पत्र प्रकाशित
डीजे न्यूज, धनबाद: आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर संजीव कुमार रघुवंशी और उनकी रिसर्च टीम ने हाल ही में बोकारो स्थित खास महल कोयला खदान में एक हेल्थ आउटरीच प्रोग्राम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य खदान कर्मियों के स्वास्थ्य की जांच और तकनीक आधारित मेडिकल समाधान तक उनकी पहुंच बढ़ाना था।
इस दौरान टीम ने मजदूरों से बातचीत की और विभाग में विकसित मोबाइल आधारित ईसीजी मापन प्रणाली की मदद से मौके पर ही स्वास्थ्य जांच की। कई मजदूरों के ईसीजी डेटा को वहीं रिकॉर्ड और विश्लेषण किया गया, जिसके परिणाम तुरंत उनके मोबाइल फोन पर साझा किए गए।
यह पहल विभाग की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है जिसमें कम लागत वाली, पोर्टेबल मेडिकल तकनीकों को विकसित कर औद्योगिक कर्मियों के स्वास्थ्य और कल्याण को समर्थन देने का प्रयास किया जा रहा है। यह कार्यक्रम तकनीकी नवाचार और सामुदायिक जुड़ाव का उत्कृष्ट उदाहरण है।
इसी क्रम में, प्रो. रघुवंशी और उनकी टीम के दो शोध पत्र हाल ही में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध पत्रिका आइइइइ सेंसर्स जर्नल (IEEE Sensors Journal) में प्रकाशित हुई हैं, जो इलेक्ट्रॉनिक्स और सेंसर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित मंच है।
पहला शोध पत्र माइक्रोवेव फोटोनिक फिल्टर फाॅर फाइबर आपटिक सेंसिंग एप्लीकेशन ए रिव्यू (Microwave Photonic Filter for Fiber Optic Sensing Applications: A Review), जिसे ऋतेश कुमार, पंकज कुमार सिंह, संजीव कुमार रघुवंशी और संतोष कुमार ने सह-लेखन किया है, फाइबर ऑप्टिक सेंसिंग में इस्तेमाल होने वाले माइक्रोवेव फोटोनिक फिल्टर पर केंद्रित है। इसमें एमपीएफ की संरचना, पुनः विन्यास क्षमता, एयरोस्पेस में उपयोग और नई डिटेक्शन तकनीकों जैसे कोहेरेंट व हेटरोडाइन डिटेक्शन पर विस्तार से चर्चा की गई है।
दूसरा शोध पत्र “Heart Rate Variability as a Non-Invasive Sensor for Acute Mental Stress and Cardiac Abnormalities: Comparative Study”, जिसे अज़हर शादाब, पुर्नेंदु शेखर पांडे, संजीव कुमार रघुवंशी, शशांक अवस्थी और संतोष कुमार ने सह-लेखन किया है, में हार्ट रेट वेरिएबिलिटी (HRV) को मानसिक तनाव और हृदय संबंधी असामान्यताओं की पहचान के लिए नॉन-इनवेसिव (बिना शरीर में हस्तक्षेप के) सेंसिंग तकनीक के रूप में प्रस्तुत किया गया है। अध्ययन में सामान्य और एरिद्मिया से प्रभावित व्यक्तियों के ईसीजी डेटा की तुलना कर वास्तविक समय में तनाव की निगरानी की संभावनाओं पर प्रकाश डाला गया है।
आईआईटी (आईएसएम) के प्रो. संजीव कुमार रघुवंशी और उनकी रिसर्च टीम को बधाई देता है, जिन्होंने सेंसर टेक्नोलॉजी और मेडिकल इनोवेशन के क्षेत्र में लगातार उत्कृष्ट योगदान दिया है और समाज की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कम लागत वाले तकनीकी समाधान विकसित किए हैं।
